पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत ने लिये यह 6 बड़े फ़ैसले।पाकिस्तान की हालत ख़राब

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में क़रीब 28 लोगों की जान चली गई। इस आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी TRF नामक आतंकी संगठन ने लिया है। बता दें कि यह संगठन पाकिस्तान द्वारा संचालित किया जाता है। इस संगठन को भारत में प्रतिबंधित किया गया है। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 5 बड़े निर्णय लिये है। 

भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ लिए 6 बड़े निर्णय
Image :- Instagram/ PM Modi official account

1) पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पहला निर्णय 

भारत के प्रधान मंत्री ने पहलगाम हमले के तुरंत बाद ही बैठक बुलाई जिसने बड़े-बड़े अधिकारी सम्मिलित हुए थे। यह बैठक 23 अप्रैल की शाम को बुलाई गई थी। इस बैठक में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ क़रीब 5 बड़े फ़ैसले लिए गये है। इन फ़ैसलों में पहला यह है की “पाकिस्तान ke सभी नागरिकों को केवल 48 घंटों का समय दिया गया है, और कहा गया है कि सभी पाकिस्तानी नागरिक जल्द-से-जल्द भारत को छोड़ दें।” 

2) पाकिस्तान के ख़िलाफ़ दूसरा बड़ा निर्णय 

बता दें कि अब तक जो पाकिस्तानी अपने रिश्तेदारों से मिलने के नाम पर भारत में दाखिल हुआ करते थे, उसे अब पूरी तरह से रोक दिया gaya है। अब किसी भी पाकिस्तानी को भारत में आने की अनुमति नहीं है, अगर इसके विरुद्ध जाकर कोई भारत में प्रवेश करता है तो इस्पात आतंकवादी की कार्रवाही की जाएगी। 

3) पाकिस्तान के ख़िलाफ़ तीसरा बड़ा निर्णय 

अब भारत ने पाकिस्तान के लिए SAARC वीसा देना बंद कर दिया है। SAARC को सन् 1985 में साउथ एशिया के लोगों की ज़िंदगी को ठीक करने के लिए बनाया गया था। इसमें भारत, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, मोल्डीव्स, श्रीलंका शामिल था, और इसमें अफ़ग़ानिस्तान भी आगे चलकर जुड़ गया था। इसे बनाने का मक़सद इसका उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय एकीकरण और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना है। 

4) पाकिस्तान के खिला चौथा बड़ा निर्णय 

भारत ने निर्णय लिया है कि जल्द ही अटारी-वाघ सीमा को बंद कर दिया जाएगा। जब से पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कनेक्शन पाकिस्तान के साथ नज़र आ रहा है, तब से भारत ने निर्णय ले लिया है कि पाकिस्तान को हर हाल में बर्बाद करना है। 

5) पाक के ख़िलाफ़ पाँचवा बड़ा निर्णय 

भारत के जीतने भी डिफेंस डिप्लोमेट्स पाक के हाई कमीशन में तैनात है, भारत उन सभी को जल्द ही वापस बुलाने की तैयारी ने है। अब भारत पाकिस्तान को किसी भी तरह का कोई सहायता करने में दिलचस्प नहीं है। भारत ने अब पाक को बर्बाद करने का निर्णय ले लिया है। 

6) सबसे बड़ा निर्णय 

भारत ने पाकिस्तान के साथ किए गये Indus water treaty को रद्द कर दिया है। बता दें कि जिस नदी द्वारा पाकिस्तान में पानी की पूर्ति की जाती थी, वह नदी भारत से होकर जाती थी। इसके लिए भारत और पाकिस्तान के बीच निर्णय हुआ था की भारत कभी इस पानी को पाकिस्तान जाने से नहीं रोकेगा। अब वह निर्णय को रद्द कर जल्द ही भारत से पाकिस्तान जाने वाली नदी को बंद कर दिया जाएगा। 

नरेंद्र मोदी का आतंकवादियों को धमकी

हाल ही में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली है, जिसमें वे कह रहे है की “पूरा भारत पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मरने वालों के साथ खड़ा है। वहाँ घायल हुए लोगों को जल्द-से-जल्द ठीक होने के लिए सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है।”

आगे उन्होंने कहा की “जिन लोगों ने पहलगाम में बेक़सूर लोगों को मारा और जिन्होंने भी इस आतंकी हमले की प्लानिंग की है, उन लोगों को ऐसी मौत मारेंगे, जिनकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। यह भी ज़रूर पढ़ें :- पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर ओवैसी, रॉबर्ट वडरा का विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जानिए क्या कहा है ?

लोगों द्वारा पूछे गये सवाल

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कौन से बड़े फैसले लिए?

भारत ने सिंधु जल संधि रद्द की, अटारी बॉर्डर बंद किया, पाकिस्तानी वीजा रद्द किए, दूतावास बंद किया, SAARC वीजा योजना रोकी,और राजनयिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने को कहा।

सिंधु जल संधि रद्द होने से पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा?

पाकिस्तान की कृषि, पेयजल, और बिजली उत्पादन पर गहरा असर पड़ेगा, क्योंकि सिंधु, झेलम, और चेनाब नदियों का पानी रुक जाएगा।

भारत ने अटारी बॉर्डर क्यों बंद किया?

आतंकी गतिविधियों और अवैध आवाजाही रोकने के लिए अटारी बॉर्डर बंद किया गया, जिससे पाकिस्तान के साथ सीमित संपर्क भी खत्म हो गया।

पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा नियमों में क्या बदलाव हुआ?

पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें 48 घंटे में भारत छोड़ना होगा; SAARC वीजा योजना भी बंद की गई।

इन फैसलों का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव होगा?

जल संकट, व्यापार रुकने, और कूटनीतिक अलगाव से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा, जिससे उसकी हालत और खराब होगी।

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