नमस्कार दोस्तों, अगर आप चाहते है की आप पर भगवान विश्वकर्मा की कृपा बनी रहे तो इसे अंत तक पढ़ें। आज दिन 17 सितंबर को पूरे भारत में विश्वकर्मा भगवान की जयंती पर Vishwakarma pooja मनाया जाएगा। भारत में इस दिन की क्या महत्वपूर्णता है, और इस दिन क्या करना चाहिये और क्या नहीं इस बारे में जाते है?

Vishwakarma pooja क्यों मनाते है?
वैसे तो भारत में हर कोई Vishwakarma pooja के दिन अपने-अपने आमदनी के स्रोतों की पूजा करता है, परंतु उनमें से लगभग 90% लोगों को इस बारे में नहीं पता होगा की हर वर्ष 17 सितंबर को ही ऐसा क्यों किया जाता है।
बता दें की हिन्दी कथाओं और मान्यताओं के अनुसार विश्वकर्मा भगवान का जन्म 17 सितंबर को जब सूर्या कन्या राशि में प्रवेश करते है तब हुआ था। इसी कारण 17 सितंबर को हर वर्ष Vishwakarma pooja मनाई जाती है।ब्रह्मा के सातवें पुत्र है। इसके अलावा कहा जाता है की जब bramha जी सृष्टि को बना रहे थे, उस दौरान विश्वकर्मा भगवान ने भी उनकी खूब सहायता की थी।
विश्वकर्मा भगवान को आविष्कार की जननी कहा जाता है।हिंदू कथाओं के अनुसार स्वर्ग, देवताओं के बड़े-बड़े महल, उस समय के सभी देवताओं के अस्त्र-सस्त्र भी उन्हीं के द्वारा बनाया गया हैं। इसी कारण उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है। यह भी पढ़ें :- अक्षेय कुमार की आने वाली नई फ़िल्म Jolly LLB 3 की 3 बड़ी अपडेट। हो गया बड़ा कांड
Vishwakarma pooja पर क्या करे?
1) इस दिन अपने फैक्ट्री, दुकान और गाड़ियों की पूजा करनी चाहिए।
2) इस दिन आपके घर में और दुकान में मौजूद सभी चीजों की पूजा करनी चाहिए।
3) Vishwakarma pooja के दिन आपको अपने निजी वाहन का इस्तेमाल, या किसी को भी नहीं देना चाहिए।
4) जो भी आपके परिवार के आय के स्रोत है, उन सभी का Vishwakarma pooja के दिन इस्तेमाल ना कर उन्हें आराम देना चाहिए।
5) इस दिन आपके घर पर मौजूद लैपटॉप, निजी वाहन या कोई भी टूल का इस्तेमाल ना कर पूजा करनी चाहिए, और सभी मज़दूरों को छुट्टी देना चाहिए।
लोगों द्वारा पूछे गये सवाल
पुराने ग्रंथों के अनुसार जब ब्रह्म जी ने दुनिया बनाई थी तब उसे उन्होंने शेषनाग पर रख दी थी, परंतु जब साँप हिलता था, तब पृथ्वी को नुक़सान होता था, इसका उपाय विश्वकर्मा भगवान ने निकाला और पृथ्वी को पहाड़ पर रख दिया था।
क्योंकि विश्वकर्मा भगवान का जन्म सूर्या के कन्या राशि me प्रवेश hone के दौरान हुआ था, और हर वर्ष यह 7 सितंबर को होता है।
उनके पिता ख़ुद ब्रह्म भगवान है, वे भरना भगवान के सर्वे पूर्व के रूप में जाने जाते है।
पुरानी कथाओं के अनुसार जब ब्रह्म जी ने धरती को बनाना शुरू किया था तब विश्वकर्मा भगवान ने भी उनकी खूब सहायता की थी। इसके अलावा धरती का डिज़ाइन भी विश्वकर्मा भगवान ने ही ब्रह्म भगवान को बताया था। इसके अलावा धरती बनाने के बाद भी जो भी समस्या हुई उन सभी को विश्वकर्मा भगवान ने ठीक किया था।
कथाओं के अनुसार सभी देवताओं के पास मौजूद सभी अस्त्र-शास्त्र, देवताओं के बड़े-बड़े महलों को भी भगवान विश्वकर्मा ने ही डिज़ाइन किया और बनाया है।