आज के डिजिटल युग में, सामाजिक मीडिया प्रभावकों का प्रभाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। ऐसा ही एक नाम है Sharmistha Panoli, जो एक 22 वर्षीय विधि छात्रा और इंस्टाग्राम प्रभावक है। पुणे के सिम्बायोसिस अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में अध्ययनरत Sharmistha Panoli ने अपने निर्भीक और स्पष्ट विचारों वाले वीडियो के कारण सामाजिक मीडिया पर व्यापक लोकप्रियता हासिल की है। उनके वीडियो में समसामयिक मुद्दों और सामाजिक विषयों पर चर्चा होती है, जो प्रायः तीखी भाषा और दृढ़ विचारों के साथ प्रस्तुत किए जाते हैं। लेकिन उनका एक हालिया वीडियो एक बड़े विवाद का कारण बन गया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया। आइए, Sharmistha Panoli के इस सफर और विवाद के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Sharmistha Panoli कौन हैं?
Sharmistha Panoli एक 22 वर्षीय विधि छात्रा हैं, जो पुणे के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में अध्ययन करती हैं। सामाजिक मीडिया पर उनके पास एक बड़ा अनुयायी समूह है, जिसमें इंस्टाग्राम और X पर लगभग 1,75,000 अनुयायी शामिल हैं। Sharmistha Panoli अपने वीडियो में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करती हैं, जो उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणास्रोत होते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए विवादास्पद भी। उनकी निर्भीक शैली और खुली बातचीत ने उन्हें युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया है, लेकिन यही शैली उनके लिए मुसीबत का कारण भी बनी।
विवाद की शुरुआत
14 मई 2025 को, Sharmistha Panoli ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड के कुछ कलाकारों, विशेष रूप से मुस्लिम हस्तियों, पर ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया। ऑपरेशन सिंदूर, जो पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में किए गए सैन्य अभियान का नाम था, एक गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा था। इस वीडियो में Sharmistha Panoli ने न केवल तीखी भाषा का उपयोग किया, बल्कि इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी भी की, जिससे एक बड़े समुदाय की भावनाएं आहत हुईं।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद, सामाजिक मीडिया पर #ArrestSharmistha हैशटैग चलने लगा। कुछ लोगों ने उनके खिलाफ हिंसक धमकियां भी दीं। AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने इस वीडियो को X पर साझा किया और गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए Sharmistha Panoli की गिरफ्तारी की मांग की। जवाब में, Sharmistha Panoli ने 15 मई को अपना वीडियो हटा लिया और एक बिना शर्त माफी मांगी, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं अपनी गलती के लिए बिना शर्त माफी मांगती हूं। मेरे विचार मेरी व्यक्तिगत भावनाएं थीं, और मैंने जानबूझकर किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई। मैं भविष्य में अपने पोस्ट में सावधानी बरतूंगी।”
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
माफी के बावजूद, कोलकाता पुलिस ने Sharmistha Panoli के खिलाफ गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में 15 मई 2025 को एक प्राथमिकी दर्ज की। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196(1)(a), 299, 352, और 353(1)(c) के तहत आरोप लगाए गए, जो धर्म के आधार पर शत्रुता बढ़ाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, और शांति भंग करने के उद्देश्य से अपमान करने से संबंधित हैं। पुलिस के अनुसार, उन्होंने Sharmistha Panoli और उनके परिवार को कई बार कानूनी नोटिस भेजने की कोशिश की, लेकिन वह फरार थीं। अंततः, 30 मई 2025 को उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया और कोलकाता के अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
राजनीतिक विवाद और समर्थन
Sharmistha Panoli की गिरफ्तारी ने पश्चिम बंगाल में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे “चयनात्मक कार्रवाई” करार दिया और कोलकाता पुलिस पर “असामान्य जल्दबाजी” में काम करने का आरोप लगाया। BJP नेता अमित मालवीय ने कहा कि Sharmistha Panoli ने अपना वीडियो हटा लिया था और माफी भी मांग ली थी, इसलिए उनकी गिरफ्तारी अनुचित थी। बॉलीवुड अभिनेत्री और राजनेता कंगना रनौत ने भी उनका समर्थन किया, यह कहते हुए कि उनकी माफी पर्याप्त होनी चाहिए थी। डच सांसद गीर्ट विल्डर्स ने भी Sharmistha Panoli के समर्थन में आवाज उठाई, इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया।
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने इस घटना के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कानून बनाने की मांग की, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। एक रोचक मोड़ में, वजाहत खान, जिन्होंने Sharmistha Panoli के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, स्वयं भी घृणास्पद भाषण के आरोप में घिर गए, और उनके खिलाफ भी कोलकाता पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की।
जमानत और आगे की राह
5 जून 2025 को, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने Sharmistha Panoli को अंतरिम जमानत दे दी, जिसमें उन्हें 10,000 रुपये का जमानत बांड जमा करना पड़ा। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि उन्हें पुलिस जांच में सहयोग करना होगा और उनके खिलाफ उसी कारण से नई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी। उनके पिता, पृथ्वीराज पनोली, ने कहा कि उन्होंने भी Sharmistha के कुछ वीडियो को पसंद नहीं किया था और उन्हें हटाने की सलाह दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि Sharmistha गुर्दे की समस्या और ADHD से पीड़ित हैं, जिसके कारण उन्हें जेल में दवाइयां नहीं मिल सकीं।
Sharmistha Panoli से सीख
Sharmistha Panoli का यह विवाद सामाजिक मीडिया प्रभावकों की जिम्मेदारी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन को उजागर करता है। एक ओर, सामाजिक मीडिया एक ऐसा मंच है जहां लोग अपने विचार स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन यह भी याद रखना आवश्यक है कि भाषा और सामग्री का दुरुपयोग गंभीर परिणाम ला सकता है। Sharmistha Panoli के मामले ने न केवल उनके करियर पर प्रश्नचिह्न लगाए हैं, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर किया है कि क्या हम अपनी बातों के प्रभाव को समझते हैं? यह भी ज़रूर पढ़ें :- सनी देओल की फ़िल्म “Jaat” की ईमानदारी से दिया गया रिव्यू।
आप Sharmistha Panoli के इस विवाद के बारे में क्या सोचते हैं? क्या यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग था, या एक गलती जिसकी सजा उन्हें मिल चुकी है? अपने विचार टिप्पणी में अवश्य साझा करें!
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