Pune bridge collapse:- दोस्तों, कल शाम को महाराष्ट्र के पुणे शहर इंद्रयाणी नदी के ऊपर बनाया गया लोहे का ब्रिज गिर गया। इस दुर्घटना में बताया जा रहा है की क़रीब 25 लोग पानी में गिर गये थे, जिन्हें बचाने के लिए NDRF की टीम लगातार अपना अभियान चला रही है। Pune bridge collapse की दुर्घटना में बचाए गये लोगो में से एक जिनका नाम सुनील कुमार है, उन्होंने हैरान करने वाली जानकारी दी है।

Pune bridge collapse में बचे सुनील कुमार का हैरान करने वाला बयान
बता दें कि Pune bridge collapse में NDRF की टीम द्वारा बचाए गये नागरिक को अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनकी हालत अब ठीक है। जब समाचार एजेंसी ने उनसे इस दुर्घटना के बारे में पूछा तब सुनील कुमार ने बताया की “ जब मैं और मेरे परिवार के लोग उस ब्रिज पर पहुँचे थे, तब वह ब्रिज हिल रहा था।”
आगे उन्होंने कहा की “ब्रिज के हिलने के कारण ब्रिज पर मौजूद सभी लोग एक जगह पर इकट्ठा हो गये थे, इसके अलावा उस ब्रिज पर बाइक वालों का भी आना जाना शुरू था। कुछ समय बाद मुझे ऐसा लगा की ब्रिज हिल रहा है। मैं जब तक अपने दीदी को बताने गया तब तक ब्रिज नीचे गिर गया।”
आगे उन्होंने कहा की “ब्रिज की ऊँचाई पानी से लगभग 40 फीट रही होगी। इस दुर्घटना में मेरी (सुनील कुमार) की गैंग टूट गई और दीदी और भांजी को हाथों और पैरों में अधिक चोट लगी है। इस समय उन सभी का अच्छा इलाज चल रहा है, और वे सभी ख़तरे से बाहर है।” बताया जा रहा है की इस ब्रिज की उम्र लगभग 32 वर्ष है।
Sunil Kumar, injured in the Indrayani River bridge collapse near Pune, recalled the terrifying moment it gave way. “By the time I told my sister it was shaking, the bridge fell,” he said.
— Mid Day (@mid_day) June 16, 2025
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Pune bridge collapse का कारण
किसी भी ब्रिज के गिरने के पीछे यह मुख्य कारण हो सकते है, जिन्हें आगे विस्तार से बताया गया है।
1. काफ़ी पुराना :- अगर कोई ब्रिज काफ़ी पुराना हो गया है तो उसके गिरने का अनुमान काफ़ी अधिक बढ़ जाता है।
2. सर्विसिंग :- अगर कोई भी ब्रिज है, उसे समय-समय पर सही तरीक़े से अगर सर्विसिंग नहीं मिलेगी तो वे ब्रिज निर्णय ही गिर सकता है।
3) ख़राब सामान का इस्तेमाल :- अगर किसी ब्रिज को बनाने में ख़राब सामग्री का इस्तेमाल करते है तो ब्रिज का जीवन कम हो जाता है, और वह अकाल ही फॉर जाता है।
4) चेकिंग :- किसी भी ब्रिज को समय-समय पर चेक कर रिपोर्ट तैयार करना होता है। उस रिपोर्ट को देखकर आगे का फ़ैसला लिया जाता है। एक बार ब्रिज बनकर तैयार होने के बाद अगर उसका चेकिंग नहीं होता है तो वह ब्रिज अकाल ही फॉर सकता है।
5) ब्रिज का हिलना :- जब कभी भी कोई ब्रिज अगर हिल रहा हो तो तुरंत ही वहाँ के सरकारी अधिकारियों को सूँचना देना होता है, जिसके बाद वह अधिकारी उस ब्रिज को बंद या रिपेयर का काम कर सकते है।
Pune bridge collapse में 2 लोगों के मृत्यु होने का दावा किया जा रहा है, और क़रीब 25 लोग पानी में कही बह गए। वहाँ की NDRF की टीम ने लगातार अभियान चलाकर कई लोगों को बचा लिया और उन्हें अस्पताल में दाखिल करवा दिया है। यह भी पढ़े :- जब आमिर ख़ान ने अक्षेय कुमार की फ़िल्म को रुकने के लिए 8 करोड़ राश्वत दी थी
राजनीतिक मुद्दा
सोशल मीडिया पर इस समय प्रधान मंत्री मोदी की काफ़ी सूचना की जा रही है। कहा जा रहा है की देश में अब तक कई हमले (पहलगाम आतंकी हमला, केदारनाथ हेलोकॉप्टर दुर्घटना, Air India विमान दुर्घटना, चिन्नास्वामी भगदड़, कुंभ भगदड़, दिल्ली भगदड़ और अब Pune bridge collapse को लेकर भाजपा को काफ़ी लक्षित कर रहा है। इस दुर्घटना के बाद सरकार ने ऐसे सभी ब्रिजों का मुआयना करने के लिए सरकार का आदेश है। इसके बाद उम्मीद है,फिर कभी ऐसी दुर्घटना नहीं होगी।
लोगों द्वारा पूछे गये सवाल
अलग-अलग सूत्रों के मुताबिक़ यह ब्रिज लगभग 32 वर्ष पुराना था।
बताया जा रहा है की ब्रिज की हालत काफ़ी गंभीर थी जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने प्रशासन को दी थी परंतु प्रसासन ने कोई निर्णय नहीं लिया।
यह दुर्घटना महाराष्ट्र के पुणे शहर में इंद्रयाणी नदी पर बने ब्रिज की हुई हुई है।