Subhanshu Shukla :- आज भारत के लिए कभी गर्व की बात है कि भारत के उत्तर प्रदेश के लखनऊ का बेटा गुट का कप्तान बनकर लगभग 40 वर्षों के बाद अंतरिक्ष में अभियान के लिए जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक़ यह अभियान लगभग 14 दिनों का होने वाला है, जिसके बाद वे सभी धरती पर वापस लौट जाएँगे।

Subhanshu Shukla कौन है?
बता दें कि Subhanshu Shukla उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आते है। वह भारतीय वायु सेना में फाइटर कम्बेट लीडर और एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट के रूप में कार्यरत है। इन्होंने डिफ़ेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन से ग्रेजुएशन किए है, जिसके बाद आगे चलाकर इन्होंने M.Tech भी किया है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए, भारत की तरफ़ से लगभग 40 वर्षों के बाद दोबारा अंतरिक्ष को और भी अच्छे से जानने के लिये में भारतीय नागरिक को भेजा जा रहा है।
Axiom mission 4
Subhanshu Shukla जिस मिशन पर जा रहे है उसका नाम #Axiommission4 है। यह मिशन भारत का ISRO और अमेरिका का NASA मिल कर कर रहा है। इन्होंने मिलकर 4 लोगों का एक गुट तैयार किया है, जिसने अलग-अलग देश के लोगों को शामिल किया गया है। इस गुट के लोग इंडिया, US, पोलैंड, और हंगरी से है। इस ग्रुप में भारत के Subhanshu Shukla को कैप्टेन बनाया गया है, जो की भारत के लिए काफ़ी गर्व कि बात है। इनके ग्रुप का मिशन अंतरिक्ष में जाकर विज्ञान परीक्षण करना है।
History in the making! 🚀
— Soumyajit Pattnaik (@soumyajitt) June 25, 2025
India’s Subhanshu Shukla lifts off with #Ax4 Mission to the International Space Station –marking a proud moment in our space journey. 🇮🇳
Jai Jagannath 🙏
NASA Photos & ANI video pic.twitter.com/j1xnxY8dib
इसमें 7 प्रयोग शामिल है…
एडिबल माइक्रोएल्गी (नई दिल्ली): खाने योग्य शैवाल की ग्रोथ और उपयोगिता, जैसे कचरा रिसाइकिलिंग और ऑक्सीजन बनाना।
स्प्राउट्स (धारवाड़): मूंग की फसल और इसके फायदे, जैसे क्रू का खाना और दवाएं।
मसल रिजनरेशन (बेंगलुरु): मांसपेशियों की हानि का अध्ययन और समाधान।
टार्डिग्रेड्स (बेंगलुरु): टार्डिग्रेड्स की जीवित रहने की क्षमता और चरम स्थितियों में उपयोग।
इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले (बेंगलुरु): माइक्रोग्रैविटी में डिस्प्ले का असर और क्रू कंसोल डिज़ाइन।
साइनोबैक्टीरिया (नई दिल्ली): साइनोबैक्टीरिया की ग्रोथ और रिसाइकिलिंग के लिए उपयोग।
फूड क्रॉप सीड्स (त्रिवेंद्रम): चावल, बाजरा आदि बीजों का अध्ययन और अंतरिक्ष खेती के लिए उपयोग।
Subhanshu Shukla के मिशन के बारे में जानकारी
उनके मिशन जिस मिशन में कप्तान बनकर जा रहे है उसका नाम #Axiommission4 है। यह मिशन भारत का ISRO और अमेरिका का NASA मिलकर कर रहा है। इसके लगभग 40 वर्ष पहले भारत का अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे, जो की पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के नाम से भी प्रसिद्ध हुए थे।
यह मिशन लगभग 14 दिनों का है, जिसके बाद वे वापस धरती पर लौट आएँगे। उनके मिशन का मुख्य उद्देश्य कुछ चीज़ों पर अंतरिक्ष में प्रयोग कर जानकारी लाना है, जिससे हम अंतरिक्ष के बारे में और जान सकेंगे। यह भी पढ़े :- Donald trump ने लोगों से अरब देशों में ना जाने की अपील की। अरब देशों में आक्रमण की गुंजाइश
Subhanshu Shukla को भारतीय सरकार ने बधाई दिया।
सोशल मीडिया पर भारत सरकार के अभिन्न विभागों ने बधाई दिया है, और यह मिशन सफलतापूर्वक समाप्त हो जाये इसकी भगवान से प्रार्थना भी की है। सबसे पहले भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने ट्विटर पर पोस्ट साझा कर Subhanshu Shukla को बधाई दी, और यह मिशन सफलतापूर्वक संपन्न होने कि कामना की है।
इसके बाद महाराष्ट्र पोस्टल सर्किल पर भी maharashtra पोस्ट विभाग के जनरल अमिताभ सिंह जी ने भी उन्हें उनके मिसीं Axiom mission 4 के लिए बधाई दिया है।
इसके बाद भारतीय वायु सेना ने भी अपने आधिकारिक अकाउंट पर Subhanshu Shukla को कप्तान के लिए और इस मिशन के लिए चुने जाने पर बधाई दी और लिखा की आसमान में उसने से लेकर अंतरिक्ष तक उड़ान पर बधाई।
Subhanshu Shukla ने भी उड़ान के पहले अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट साझा किया “ भारत फिर एक बार अंतरिक्ष में जा रहा है। जय हिन्द” यह लिख कर सबको इस मिशन की जानकारी दी। उनके रॉकेट ke उड़ान भरते ही उनकी माँ भावुक हो गई और रोने लगी थी।
लोगों द्वारा पूछे गये सवाल
वे अंतरिक्ष को हमारे वैज्ञानिक और अच्छी तरह से समझ सके उसके लिए, प्रयोग करने के लिए जा रहे है।
वह वहाँ लगभग 14 दिनों तक रहकर अलग-अलग प्रकार के प्रयोग करने वाले है। जिसके बाद वे धरती पर वापस लौट आएँगे।
दरअसल लगभग 40 वर्ष पहले डॉक्टर राकेश शर्मा जी अंतरिक्ष में गये, जिसके बाद अब सुभांशु शुक्ला NASA और ISRO के नेतृत्व में कप्तान के रूप में भारतीय नागरिक का अंतरिक्ष में जाना काफ़ी गर्व की बात है।
जी नहीं, पहले कभी वे अंतरिक्ष में नहीं गये परंतु भारतीय वायु sena में काम करने के कारण उन्हें आसमान का अच्छा अनुभव है।