SCO:- नमस्कार दोस्तों, आज रविवार 31 अगस्त 2025 को SCO (Shanghai Corporation Organisation) को भारत और चिन के बीच कुछ अहम मुद्दों पर बातचीत हुई है। इस मीटिंग के बाद ही भारत के प्रधान मंत्री ने घोषणा किया है की जल्द ही भारत से डायरेक्ट फ्लाइट चिन कि तरफ़ उड़ान भरना शुरू कर सकती है।

SCO (Shanghai Corporation Organisation) क्या है?
बता दें कि SCO (Shanghai Corporation Organisation) कुल 10 देशों का एक समूह है, जिसे यूरशियन पोलिटिकल इकोनॉमिक एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी ग्रुप है, जिसे सन् 2001 में बनाया गया था। इसमें कुल 10 देश शामिल है, जिनमें चाइना, कज़ाखस्तान, किर्ज़िस्तान, रशिया, ताजिकिस्तान, उज़बेकिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बेलारूस और ईरान शामिल है।
इसके अलावा SCO (Shanghai Corporation Organisation) ग्रुप के मेबर्स देशों पूरी दुनिया का 43% की जनसंख्या और 23% की दुनिया की GDP इनके अन्तर्गत में आती है। हाल ही में प्रधान मंत्री मोदी और चाइना के Xi Jinping ने इसी SCO के अन्तर्गत महत्वपूर्ण मीटिंग की और दोनों देशों के बीच चल रहे समस्याओं के निवारण पर बातचीत की है।
China is the host of this year’s SCO Summit, which takes place in Tianjin from August 31 to September 1. So who will be attending?
— Al Jazeera English (@AJEnglish) August 31, 2025
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SCO के अन्तर्गत भारत और चाइना के मीटिंग क्यों की गई?
हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 50% का टैरिफ़ लगाया है जिसके कारण भारत को अपने देश का सामान अमीरिका में बेचने के लिए 50% टैक्स के रूप में देना होगा, इससे समान का भाव बढ़ गया और बेचने के लिए भी महँगा हो गया है। अब भारत के सामानों की अमेरिका में विक्री कम हो गई है, जिससे भारत की GDP में भी गिरावट देखने को मिल सकती है।
इसके अलावा अमेरिका ने चाइना पर भी टैक्स लगाया है, परंतु चाइना के लिए 90 दिनों तक टैक्स को आगे बढ़ा दिया है। बता दें कि दुनिया की 2 बड़े देश और बड़ी GDP को अमेरिका ने टारगेट किया है, हिसाब अब यह दोनों दुश्मन देश एक होकर एक दूसरे के सहायक बन रहे है। यह भी पढ़ें :- Rahul dravid ने राजस्थान रॉयल्स की टीम में हेड कोच से बड़ी पोजीशन के ऑफर को क्यों ठुकरा दिया? जानें विस्तार से।
SCO मीटिंग के बाद क्या फ़ैसले हो सकते है?
दोनों देश भारत और चाइना दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। अगर किसी भी देश को अपना समय बेचना हो तो उसे चाइना और भारत से बात आवश्य करनी पड़ेगी अन्यथा उनकी बिक्री में कमी आ सकती है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए दोनों देश अपने बीच के मतभेदों को ख़त्म कर ट्रेड शुरू करने की बाद कर सकते है।
अमेरिका भारत और चाइना को दबा कर रखना चाहता है, परंतु यह दोनों देश अपनी ताक़त को जानते है, इसलिए यह अमेरिका के सामने झुकने को तैयार नहीं है।
अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ़ क्यों लगाया?
इस पर लगभग सभी समाचार एजेंसियों ने बताया है कि पहले अमेरिका ने भारत को रशिया से तेल ख़रीदने को माना किया, परंतु भारत ने कहा की “हमें जहां सस्ता तेल मिलेगा हम वहाँ से लेंगे।” अमेरिका अगर हमें सस्ता तेल देगा तो हम अमेरिका से लेंगे। इस पर अमेरिका के प्रेसिडेंट ने ग़ुस्से में भारत के सामानों को अमेरिका में बेचने के लिए 50% टैरिफ़ लगा दिया है।
वैसे तो भारत और रसिया के बीच काफ़ी अच्छे संबंध है, परंतु इसे और बेहतर करने के लिये रशिया ने भारत को तेल ख़रीदने पर 65% और छूत देने के बारे में विचार कर रहा है।
भारत और चाइना के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू
हाल ही ने भारत के प्रधान मंत्री ने भारत और चाइना के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू होने की भी घोषणा की है। इसके पहले तक लोगों को शिंगापुर और बैंकॉक होकर चाइना जाना पड़ता था।बता दें कि यह घोषणा जनवरी 2025 में भी की गई थी परंतु उसपर एक्शन नहीं लिया गया था।
इसके अलावा जुलाई महीने में भारत में चाइना के लोगों को घूमने के लिए टूरिस्ट वीसा देना भी शुरू हो गया है। अगर चाइना और भारत के बीच रिश्ते सुधार जाएँगे तो दोनों ही देशों को काफ़ी फ़ायदा होने वाला है।
लोगों द्वारा पूछे गये सवाल ?
जब से अमेरिका ने भारत पर टैरिफ़ लगाना शुरू किया है तब से भारत के प्रधान मंत्री ने चाइना से अपने संबंधों को ठीक करने में लगे है, क्योंकि अमेरिका से चाइना भी परेशान है।
जी नहीं, परंतु यह जल्द ही शुरू कि जा सकती है, क्योंकि इस बात की पुष्टि प्रधान मंत्री मोदी ने कर दी है।
जी, हाँ वह आज 31 अगस्त और 1 सितंबर को SCO की मीटिंग के लिए गये है, जहां भारत और चाइना के रिश्तों में सुधार के आसार नज़र आ रहे है।