दिल्ली:- नमस्कार दोस्तों, कल रूलिंग पार्टी भाजपा के लगभग सभी नेताओं ने अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट के ज़रिए लोगों को प्रधान मंत्री द्वारा किए गये GST में कटौती वाले वादे को पूरा कर नई सूँची जारी की गई है। इस सूँची में नई GST 2.0 के GST की कटौती की पूरी जानकारी दी गई है। चलिए इस सूँची को विस्तार से जानते है।
GST 2.0 की जानकारी
बता दें कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के दौरान भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को GST से हो रही समस्याओं का समाधान करने के लिए GST 2.0 लाकर आम जानता को राहत देने का वड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि “भारत सरकार कि तरफ़ से इस बार कि दिवाली डबल दीवाली होने वाली है।”
उस वादे को पूरा करने के लिए ज़ोरों से काम शुरू कर दिया गया था, जो की लगभग अब तैयार है। अब बस यह नया GST 2.0 अक्तूबर में दिवाली के क़रीब में लागू कर दिया जाएगा। इस नई सींची से लोगों की किस समान पर कितना छूट मिलने वाला है, यह विस्तार से बताया गया है। यह भी पढ़ें :- मुंबई में Bastian bandra नामक शिल्पा शेट्टी का फेमस रेस्टोरेंट उनकी इस गलती के कारण बंद होने वाला है। आज है आख़िरी दिन।

GST 2.0 को समझते है।
1) 18% GST से अब 5% GST वाले रोज़मर्रा वाली सामग्री
बता दें कि जो सबसे पहली छूत मिली है वह रोज़मर्रा जीवन में इस्तेमाल होने वाला समान है। इसमें बालों का तेल, कोलगेट, शैम्पू, ब्रश, टॉयलेट क्लीनर और शेविंग क्रीम शामिल है। इन सभी पर पहले 18% GST लगती थी परंतु अब GST 2.0 के तहत अब केवल 5% GST लगेगी।
12% GST से 5% GST वाले सामग्री
GST 2.0 में में जहां 12% GST लगते थे वहीं अब 5% GST लगने वाला है। इस सींची में घी, बटर, चीज़, पैकिंग वाले भुजिया, नमकीन, वेफ़र्स, बच्चे का डायपर्स, बच्चे की दूध की बॉटल इत्यादि शामिल है।
2) GST 2.0 अस्पताल के क्षेत्र में छूट
इसमें सबसे अधिक छूत इन्शुरन्स सेक्टर को मिला है, जहां इसमें पहले 18% GST लगती थी वही अब NIL कर दिया गया है। थर्मामीटर में 18% GST से अब 5% GST लगेगी। इसके अलावा मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, सभी प्रकार के डायग्नोस्टिक किट, टेस्ट स्ट्रिप और करेक्टिव स्पेक्टकल्स पर पहले 12% GST लगती थी वहीं अब केवल 5% GST लगेगी।
3) शिक्षा विभाग में GST 2.0
इस बार सरकार ने बच्चों के लिए भी ध्यान दिया है। शिक्षा विभाग में भी पहले कई चीज़ों पर GST लगता था, जिसमें मैप्स, चार्ट, पेंसिल, शॉर्पनर इत्यादि पर पहले 12% GST लगती थी जो अब NIL कर दिया गया है। इसके अलावा रबर (इरेज़र) पर पहले 5% GST लगती थी, वहीं अब इसपर NIL कर दिया गया है। इससे परिजनों पर बच्चों के प्रति कुछ राहत मिलेगी।
4) कृषि क्षेत्र में GST 2.0
बता दें कि GST 2.0 ने कृषि क्षेत्रों में भी काफ़ी आराम दिया है। इसमें पहले ट्रेक्टर के टायर और उसके पार्ट्स पर 18% GST लगती थी, वही अब केवल 5% तक सिमट कर रह गई है। इसके अलावा ट्रेक्टर, स्प्रिंकलर्स, पेस्टीसाइड्स, फर्टिलाइजर, मिट्टी की प्रिपरेशन करने वाली मशीनों पर पहले 12% GST अब सिमट कर 5% तक रह गई है। इससे खेती करने वालों को बहुत राहत मिली है।
5) मोटर व्हीकल और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में GST 2.0
इस विभाग में पेट्रोल, पेट्रोल हाइब्रिड, CNG, LPG गाड़ियाँ जो 12CC तक है, डीज़ल, पेट्रोल हाइब्रिड कार 1500cc तक, 3 पहियों वाली गाड़ियाँ, 350cc के नीचे की बाइक और समान ढोने वाली गाड़ियों पर पहले 28% GST लगती थी वहीं अब GST 2.0 के तहत 18% GST लगेगी। इससे लगभग हर गाड़ियों पर ख़रीदने वाले को 10% GST की बचत हो सकेगी।
6) इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर GST 2.0
इस मामले में मिडल क्लास के लोगों को काफ़ी अच्छा लाभ मिला है। इसमें TV (LCD और LED 32 इंच से ज़्यादा), AC (Air Conditioner), मॉनिटर और प्रोजेक्टर्स और डिश वाशिंग मशीनों पर पहले 28% GST लगती थी वहीं अब GST 2.0 के तहत केवल 18% GST लगेगी। इससे मिडल क्लास के लोगों के शौक़ भी पूरे हो जाएँगे और उनके पैसे भी बचेंगे।
GST में बदलाव लाने के पीछे का कारण
बता दे कि जब से भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा है, तब से अमेरिका भारत के सामानों पर टैक्स बढ़ाने की बात कर रहा था। 27 अगस्त को भारत के सामानों पार अमेरिका ने 50% टैरिफ़ लगा दिया है। इससे भारत के व्यापारियों को अपना समान बेचने में समस्याओं का सामना करना पद रहा है।
इसी समस्या को ख़त्म करने के लिए भारत सरकार ने यह कदम उठाया है। GST 2.0 आने के कारण अब व्यापारियों का समान भारत में पहले से अधिक बिकेगा, जिससे भारत की GDP भी बढ़ेगी और अमेरिका पर निर्भर भी नहीं रहना पड़ेगा। हालाँकि इससे भारत सरकार को GST कलेक्शन में भारी नुक़सान देखना पद सकता है।
लोगों द्वारा पूछे गये सवाल
सरकार ने नया क़ानून नहीं बनाया है, बल्कि पुराने वाले में कुछ बदलाव किया है।
इसके पीछे का मुख्य मक़सद आम आदमी के जेब को राहत प्रदान करना है।
जी हाँ, अभी भी अमेरिका भारत से नाराज़ है और 50% टैरिफ़ लगाया हुआ है।