Bagram air base के लिए चाइना ने अमेरिका को दिया खुला चैलेंज! युद्ध भी करेगा

नमस्कार दोस्तों, हाल ही में अमेरिका के प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रम्प ने तालिबान को धमकी देते हुए कहा है की तालिबान में मौजूद Bagram air base को उसके निर्माताओं को वाशिंगटन को वापस लौटा दे, और यह जल्द-से-जल्द कर दें। ऐसा नहीं करता है तो “बहुत बुरी चीज़ें हो सकती है।” इसके बाद तालिबान के अधिकारियों ने भी …

Why fight start for Bagram air base Taliban, America & China

Bagram air base की लड़ाई 

बता दें कि कई वर्षों पहले अमेरिका जब अफ़ग़ानिस्तान में था तब अमेरिका ने Bagram air base को तैयार किया था। इसके बाद सन् 2021 में जब तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर आक्रमण कर अपने अधिकार में लिया तब से यह एयर बेस तालिबान के अधिकृत में है। 

यह भौगोलिक रूप से काफ़ी बड़ा और कई ऑपरेशन एक साथ कर सके इस प्रकार से बनाया गया है। अब अमेरिका की नज़र इस पर पड़ी है। अमेरिका का कई और भी कारण Bagram air base को वापस लेने के पीछे हो सकता है। 

Bagram air base को ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने माँगा 

बता दें कि जब ट्रम्प ब्रिटिश प्रधान मंत्री से मिले थे उसे दौरान उन्होंने ट्रम्प से कहा कि “हम इसे वापस लेने कि कोशिश कर रहे है। उन्होंने आगे कहा की अमेरिका ने Bagram एयर बेस को तालिबान को बिना किसी वजह के दे दिया। उन्होंने बताया कि वह एयर बेस चाइना के परमाणु मिसाइल बनाने वाली जगह के क़रीब 1 घंटे की दूरी पर स्थित है। 

Bagram air base और अमेरिका का तालिबान से झगड़ा 

बता दें कि Bagram एयर बेस क़बूल से क़रीब 40 किलोमीटर दूर है। तालिबान का यह सबसे बड़ा एयर बेस है जहां लगभग 2 दशकों से ऑपरेशन किया जा रहा है। इस एयर बेस ने कई झगड़ों में अहम भूमिका निभाई है। 

सन् 2021 में जब ट्रम्प ने शांति के समझौते को तोड़ा था, उस दौरान तालिबान की सेना पूरी तरह से अफ़ग़ानिस्तान पर हावी हो गई थी। इस दौरान अमेरिका और NATO को अपनी पूरी सेना को वहाँ से हटानी पड़ी थी। तब से Bagram एयर बेस को तालिबान अपने अधिकार में लेकर ऑपरेशन कर रहा है। 

तालिबान ने ट्रम्प को जवाब दिया 

ट्रम्प द्वारा Bagram air base को वापस लेने की टिप्पणी पर तालिबान के अधिकारियों ने रिप्लाई किया है की “अफ़ग़ानिस्तान राजनीतिक और इकोनॉमिक के लिये हमेशा सबके लिये खुला है, परंतु अमेरिका को यह अपनी सेना वापस खड़ी करने की मंज़ूरी नहीं है। 

तालिबान के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुट्तकी ने कहा कि “अफ़ग़ानिस्तान की 1 इंच के ज़मीन पर भी अमेरिका की सेना को बर्दश नहीं किया जाएगा। इस के साथ ही चाइना ने भी अफ़ग़ानिस्तान को सहयोग करते हुए ट्रम्प के ख़िलाफ़ बयान दिया है। यह भी पढ़ें :- भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के कारण अब आतंकियों ने पाकिस्तान में अपना ठिकाना बदला। इसमें पाकिस्तान सरकार भी मिली है।

Bagram air base के लिए चाइना america के ख़िलाफ़ 

चाइना के विदेश मंत्री लीन जीएन ने कहा की “हम अफ़ग़ानिस्तान की आज़ादी और उसके सीमाओं की इज्जत करते है। उस देश का भविष्य उस देश के लोगों के हाथों में है। अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान के जिस हिस्से की माँग कर रहा है  Bagram air base की वह सैलूट एशिया की काफ़ी सेंसिटिव जगह है।”

आगे उन्होंने कहा कि “ Bagram air base हमारे परमाणु मिसाइल के इलाक़े के काफ़ी क़रीब है। अगर अमेरिका तालिबान के एयर बेस पर घुसने की कोशिश करता है तो वह चाइना के सुरक्षा मामलों को चुनौती माना जाएगा, और इस मामले में चाइना पूरी तरह से उतर जाएगा। चाइना अफ़ग़ानिस्तान के साथ है। 

अफ़ग़ानिस्तान को अमेरिका ने दी चुनौती 

जब मीडिया ने कहा की आप इस मामले पर बैठ के बात कर लें, तब ट्रम्प ने कहा की “इस मुद्दे पर और बात नहीं होगी, अगर वह मुझे Bagram air base दे डे है तो ठीक है, नहीं तो आप लोग भी देखेंगे कि मैं क्या करता हूँ!

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