Mahakumbh : वैसे तो Kumbh मेला हर बारह वर्षों में लगता है, लेकिन इस बार वर्ष 2025 में आनेवाला कुंभ Mahakumbh है। इस बार यह वर्ष 2025 में आया है इसके बाद यह वर्ष 2169 में आएगा। जिसने लोगो में और भी उत्साह बढ़ गया है।
Mahakumbh कहाँ-कहाँ लगने वाला है ?
वैसे तो कुंभ मेला हर 12 वर्षों में आता है, परंतु इस बार Mahakumbh होने वाला है। यह हिंदू लोगो के लिए एक भव्य त्योहार के रूप में जाना जाता है। हर 12 वर्षों में यह भारत के चार पवित्र स्थानों के रूप में प्रसिद्ध जगहों पर आयोजित किया जाता है, जिनमें प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार शामिल है। Mahakumbh का मेला इस बार 13 जनवरी से 26 फ़रवरी 2025 तक लगने वाला है।
Mahakumbh मेला की ख़ास बात क्या है ?
बता दें कि Mahakumbh में तीन महत्वपूर्ण नादियो में स्नान कर जीवन में अत्यधिक शुद्धि की तलाश करने वाले लाखों हिंदू भक्तों का त्योहार माना जाता है। इस कुंभ भक्ति को और तीर्थयात्रियों को त्रिवेणी “गंगा, यमुना और सरस्वती” संगम में अनुष्ठान करने का अवसर प्रदान करता है। कुंभ मेला में लाखों लोग एक स्थान पर एकत्रित होते है, और नदियों के संगम में स्नान कर शुद्धि करते है।
Mahakumbh मेला का महत्व क्या है ?
हिंदू धर्म में सभी कुंभ मेलों में सबसे ज़्यादा पवित्र Mahakumbh मेला को माना जाता है, और जीवन में केवल एक बार देखने को मिलता है क्योंकि यह लगभग 144 वर्षों में एक बार आता है। इस बार Mahakumbh मेला सन् 2025 में आया है, तो अगली बार यह वर्ष 2169 में आएगा, जिस वजह से भक्तों में इसके लिए और भी ज़्यादा उत्साह बढ़ जाता है।
यह Mahakumbh का मेला अहिंदू शास्त्रों के अनुसार द्वितीय खगोलीय संरेखण द्वारा यह आयोजन क़रीब 400 मिलियन आगंतुकों को आकर्षित करता है, जो नियमित कुंभ मेले की तुलना में काफ़ी ज़्यादा है। यह विशेष रूप से बृहस्पति और सूर्या की स्थिति के आधार पर इस त्योहार का समय निर्धारित किया जाता है। यहाँ आने वाले भक्तों का मानना है की Mahakumbh मेले में स्नान करने से सारे पाप धूल जाते है, और मोक्ष (मुक्ति) की प्राप्ति होती है।
2025 इवेंट शेड्यूल
आरंभ तिथि: 13 जनवरी, 2025 (पौष पूर्णिमा)
अंतिम तिथि: 26 फरवरी, 2025 (महा शिवरात्रि)
प्रमुख स्नान तिथियाँ (शाही स्नान)
14 जनवरी, 2025: मकर संक्रांति (पहला शाही स्नान)
29 जनवरी, 2025: मौनी अमावस्या (दूसरा शाही स्नान)
3 फरवरी, 2025: बसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान)
12 फरवरी 2025: माघी पूर्णिमा
कुम्भ मेले के प्रकार
महाकुंभ मेला: प्रत्येक 144 वर्ष पर प्रयागराज में आयोजित होता है, यह सबसे शुभ मेला है।
पूर्ण कुंभ मेला: हर 12 साल में सभी चार स्थानों पर होता है।
अर्ध कुंभ मेला: हर छह साल में प्रयागराज और हरिद्वार में लगता है।
माघ मेला: माघ महीने (जनवरी-फरवरी) के दौरान प्रयागराज में होने वाला एक वार्षिक आयोजन।
आवास और टेंट बुकिंग
तीर्थयात्री बुनियादी टेंट से लेकर आलीशान सेटअप तक के आवास बुक कर सकते हैं। आरक्षण करने के लिए:
आईआरसीटीसी पर्यटन या Kumbh.gov.in जैसी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
एक टेंट का प्रकार चुनें (1,500 रुपये से 35,000 रुपये प्रति रात)।
तारीखें निर्दिष्ट करें और ऑनलाइन भुगतान पूरा करें।
अधिक मांग के कारण, खासकर स्नान की चरम तिथियों के आसपास, पहले से बुक करें।
शाही स्नान: शाही स्नान
शाही स्नान एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें तपस्वियों और आध्यात्मिक नेताओं के नेतृत्व में भव्य जुलूस निकाले जाते हैं। भक्तों का मानना है कि यह पवित्र स्नान पापों को शुद्ध करता है और आध्यात्मिक आशीर्वाद को बढ़ाता है।
महाकुंभ क्यों मनाया जाता है?
इस त्यौहार की उत्पत्ति हिंदू पौराणिक कथाओं के समुद्र मंथन (समुद्र मंथन) से हुई है, जिसके दौरान प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में अमृत की बूँदें गिरी थीं। ये स्थल पवित्र तीर्थ स्थल बन गए।
तीर्थयात्रियों के लिए क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
पहले से योजना बनाएं और मार्गदर्शन के लिए आधिकारिक ऐप का उपयोग करें।
हल्के सामान के साथ यात्रा करें और सुविधाओं के बारे में जानकारी रखें।
स्नान और अपशिष्ट निपटान के लिए निर्दिष्ट क्षेत्रों का उपयोग करें।
क्या न करें:
नदियों को प्रदूषित करने या प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग करने से बचें।
इन दिशानिर्देशों का पालन करके, आगंतुक महा कुंभ मेला 2025 में एक सुरक्षित, आध्यात्मिक और संतुष्टिदायक अनुभव सुनिश्चित कर सकते हैं।
योगी सरकार का Mahakumbh से बड़ी उम्मीद
उत्तरप्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार जिसे योगी आदित्यनाथ द्वारा निर्देशित किया जा रहा है। उन्होंने Mahakumbh मेला के लिए पूरे देशवाशियों को निमंत्रित किया, और इस पर अपनी ख़ुशी जागीर की है। उत्तरप्रदेश सरकार ने बताया है की Mahakumbh मेला में क़रीब 25,000 करोड़ रुपये का फ़ायदा राज्य सरकार को होने वाला है, इसके लिए सरकार ने क़रीब 600 करोड़ के खर्च श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अनुमान लगाया है।
निष्कर्ष
हिंदू मान्यताओं में Mahakumbh मेला में जाकर त्रिवेणी संगम नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है, और हर इंसान के जीवन में केवल एक बार ही Mahakumbh मेला में जाने का मौक़ा मिलता है, जो इस बार आया है। अगर आप वहाँ जाने में सक्षम है तो ज़रूर जाएँ। ये भी ज़रूर पढ़ें :- TATA IPL 2025 की बड़ी खबर। श्रेयस ईय्यर दूसरे स्थान पर।
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