नमस्कार दोस्तों, भारत कभी सुरक्षा प्रणाली में काफ़ी पीछे हुआ करता था, परंतु भारत में एक ऐसे व्यक्ति ने भी जन्म लिया, जिसने सुरक्षा के मामले में भारत को दुनिया की बड़े-बड़े देशों के बीच खड़ा कर दिया। उनका नाम APJ abdul kalam है, उन्होंने भारत को मिसाइल बनाकर दिया, जिसने भारत को काफ़ी मज़बूत कर दिया। इसके बाद उन्हें लोग मिसाइल मैन के नाम से भी जानने लगे।

APJ abdul kalam की पुण्यतिथि
बता दें कि APJ abdul kalam का जन्म 15 अक्तूबर 1931 को हुआ था, और आज 27 जुलाई 2015 को निधन हो गया था। उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए काफ़ी समस्याओं का सामना किया था। उनके घर में लाइट ना होने के करण उन्होंने रोड लाइट के नीचे रह कर अपनी पढ़ाई पूरी की है।
जब abdul kalam को भारत का राष्ट्रपति बनाने के लिए कहा गया था, उस समय उन्होंने राष्ट्रपति बनाना स्वीकार किया था, इसके बावजूद कई बार उनको कहा गया, जिस कारण उन्होंने राष्ट्रपति बनने के लिए हामी भर दी। जब उन्हें राष्ट्रपति बनाया गया था, उस समय शायद ही ऐसा कोई होगा जिन्होंने उनका समर्थन नहीं किया हो।
APJ abdul kalam को मिसाइल मैन क्यों कहते है?
जब भारत की परिस्थिति सुरक्षा के मामलों में काफ़ी ख़राब थी, और भारत बाहर के देशों से कुछ भी ख़रीदने की हालत में नहीं था, उस समय APJ abdul kalam सामने आये, और उन्होंने कहा की भारत को मैं मिसाइल बना के दूँगा। इसके बाद वे अपने काम में जुट गये, और उन्होंने मिसाइल की टेक्नोलॉजी भारत को बना के दी। इसके बाद भारत मिसाइल संपूर्ण देशों की सूँची में आ गया था।
इसके बाद abdul kalam माननीय अटल बिहारी बाजपेयी जी की सरकार में अमेरिका के विरुद्ध जाकर राजस्थान के पोखरण में परमाणु टेस्ट भी किया था। जो की कामयाब साबित हुआ था। यह भी पढ़े :- अभिनेत्री ने फ़िल्म प्रीमियर के दौरान चप्पल से डायरेक्टर को पीटा। क्या वजह थी विस्तार से जाने
भारत के परमाणु बम के विरोध में अमेरिका क्यों था?
जब राजस्थान के पोखरन में परमाणु बम का प्रशिक्षण शुरू किया गया, उस दौरान अमेरिका को खबर मिल गई थी। इसलिए अमेरिका ने भारत के ऊपर सैटेलाइट लगा दिया था, जिससे भारत कुछ भी नहीं कर पा रहा था। उस समय APJ abdul kalam ने अटल बिहारी बाजपाई को कहा की सबको बता दो की पोखरण में सेना अभ्यास चल रहा है, और इसी के बीच unhone ज़मीन के भीतर परमाणु प्रशिक्षण कर दिया।
परमाणु प्रशिक्षण के दौरान APJ abdul kalam ने अटल बिहारी बाजपेयी से कहा कि अगर हमारी परमाणु प्रशिक्षण की बात अमेरिका को पता चली तो वह भारत को नहीं छोड़ेगा। ऐसे में अटल बिहारी बाजपेयी ने कहा की “यह बात केवल हम दोनों ही जानते है, और हम दोनों ही अवैवाहिक है, तो यह बात फैलने की कोई गुंजाइश नहीं है।”
APJ abdul kalam की पुण्यतिथि पर सियासत
बता दें कि APJ abdul kalam पर Congress ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कलाम जी द्वारा किए गये कार्यों को याद किया और लोगों को उनसे प्रेरणा लेने की बात कही है।
Tributes to the People's President, Dr. APJ Abdul Kalam, on his death anniversary.
— Congress (@INCIndia) July 27, 2025
His legacy inspires us to dream big, serve the nation and uphold knowledge with humility.
A true visionary, leader and patriot. His impact will be felt for generations to come. pic.twitter.com/CLXNWhhZfT
इसके अलावा भारत के गृहमंत्री अमित शाह जी ने भी ट्विस्ट करते हुए लिखा है की “ राजनीति की अलावा विज्ञान की दुनिया में भी आपका बहुत बड़ा योगदान रहा है। आपने भारत के लिए काफ़ी कुछ किया है, जिसका भारत हमेशा आपका आभारी रहेगा।
Tribute to Dr. APJ Abdul Kalam Ji on his Punyatithi – a visionary leader and the people's President. His vast contributions, from the science laboratory to the political arena, have been the foundation of a new and advanced Bharat. He will remain a beacon of light for generations… pic.twitter.com/yLD8c2GlRH
— Amit Shah (@AmitShah) July 27, 2025
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा की “ APJ abdul kalam का भारत के प्रति लगाव एक प्रेरणा देता है। उन्होंने भारत को राजनीति और विज्ञान दोनों की दुनिया काफ़ी प्रगति की और ले गये है। देश के युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
On his death anniversary, paying homage to our beloved former President, Dr. APJ Abdul Kalam. He is remembered as an inspiring visionary, outstanding scientist, mentor and a great patriot. His dedication to our nation was exemplary. His thoughts motivate the youth of India to…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 27, 2025
लोगों द्वारा पूछे गये सवाल
उनका जन्म 15 अक्तूबर 1931 में एक ग़रीब परिवार में हुआ था।
उनका निधन 27 जुलाई 2015 को hua था।
वे सन् 2002 से सन् 2007 तक राष्ट्रपति थे। इसके बाद उनकी तबीयत ख़राब रहने लगी जिस करण वे राजनीति से अलग हो गए।