दिल्ली :- नमस्कार दोस्तों, हाल ही में भारत का नाम ऊँचा कर और भारत को गर्व दिलाते हुए भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान का ग्रुप कैप्टेन Astronaut subhanshu Shukla को इस बात के लिए कई लोगों ने खूब सराहा और तारीफ़ की है। इसी बीच HDFC बैंक ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट Astronaut subhanshu Shukla के संबंधित में साझा किया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

Astronaut subhanshu Shukla की कहानी
बता दें कि Astronaut subhanshu Shukla पहले भारतीय वायु सेना में लड़ाकू विमानों के ग्रुप कैप्टेन के रूप में कार्यरत थे। जिस कारण भारतीय अंतरिक्ष निरीक्षण का NASA और अमेरिका का ISRO ने मिलकर इस ग्रुप को अपने आगामी मिशन के प्रोजेक्ट पर भेजा है। सुभंशु शुक्ला को कैप्टेन बनाने के पीछे का कारण था उनका अनुभव।
किसी प्रोजेक्ट के लिए अंतरिक्ष में जाना काफ़ी महँगा होता है, जिस कारण अंतरिक्ष में जाने से संबंधित कार्य खूब सोच समझकर किया जाता है। इस बार ISRO और NASA ने अपने Axiom mission 4 के लिए अलग-अलग देशों से 4 लोगों को एकत्रित किया है, जिसे भारतीय मूल के निवासी Astronaut subhanshu Shukla कप्तानी कर रहे है।
अंतरिक्ष यात्रियों को समय कैसे पता चलता है?
इस समय भारत के Astronaut subhanshu Shukla अंतरिक्ष में 14 दिनों के मिशन के लिए गये है। सबसे बड़ी दिक़्क़त है की “सूरज धरती के लिये केवल एक बार उगता और एक बार डूबता है, ऐसे में अंतरिक्ष के लोगों को समय का पता कैसे चलेगा ?
धरती पर एक दिन में एक बार सूर्योदय और सूर्यास्त होता है, लेकिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 24 घंटे के भीतर 16 बार सूर्योदय और 16 बार ही सूर्यास्त होता इस हिसाब से देखा जाए तो वहां सिर्फ 90 मिनट का दिन और 90 मिनट की रात होती है, अगर टाइम जोन की बात करें तो वहां वैश्विक मानकों के हिसाब से कॉर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम (UTC) जोन का इस्तेमाल होता है ताकि दुनिया के अलग-अलग देशों के साथ कॉर्डिनेशन में दिक्कत न आए.
इस टाइम जोन को ग्रीनविच मीन टाइम भी कहा जाता है। अगर 30 जून 2025 को भारतीय मानक समय (IST) में भारत में दोपहर के 12:02 बजे हैं और क्योंकि आईएसटी, UTC से 5 घंटे 30 मिनट आगे है. इस हिसाब से देखा जाए तो तो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर इस वक्त सुबह के 6:32 बजे होंगे. यह समय सभी स्पेस मिशन, अंतरिक्ष यात्रियों और मिशन कंट्रोल सेंटर्स के लिए मानक होता है। यह भी पढ़े :- Subhanshu shukla का भारतीय लड़ाकू विमान से अंतरिक्ष तक का सफ़र।
ISS पर टाइम जानने के लिए कंप्यूटर और डिजिटल घड़ियों का इस्तेमाल होता है, जिनमें UTC टाइम जोन के हिसाब से फीडिंग की जाती है. इसके अलावा वहां डिजिटल डिस्प्ले भी लगे होते हैं जो अलग-अलग मिशन कंट्रोल सेंटर्स का टाइम बताते हैं, इन सभी डिवाइस को UTC के साथ सिंक्रनाइज किया जाता है. एस्ट्रोनॉट्स जो डिजिटल वॉच पहनते हैं, वह स्पेस की माइक्रोग्रैविटी और वैक्यूम में काम करने के लिए खास तौर पर डिजाइन की जाती हैं.
HDFC बैंक ने की तारीफ़
जब Astronaut subhanshu Shukla अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू किए थे, उस दौरान देश के कई बड़े-बड़े लोगों ने उन्हें बधाई दी। इसी के बीच HDFC बैंक ने भी उन्हें बधाई देते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट साझा किया जिसमें लिखा था की “ Astronaut subhanshu Shukla पहले भारतीय व्यक्ति बन गये है जिन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर काम किया है, और दूसरे व्यक्ति बन गये है जिन्होंने भारत को अंतरिक्ष में खोज करने के लिए अंतरिक्ष की तरफ़ रवाना हुए है। यह भारत के लिए काफ़ी गर्व की बात है।”
Shubhanshu Shukla becomes the first Indian astronaut to journey to the International Space Station and just the second to go to space!#ShubhanshuInSpace #ISRO #NASA #SpaceJourney #SpaceStation #ShubhanshuShukla #Trending #Congratulations #AxiomMission4 pic.twitter.com/0mzHreBuR9
— HDFC Bank (@HDFC_Bank) June 26, 2025