Danish Kaneria ने Shahid Afridi पर उन्हें अपना धर्मांतरण करने के लिये मजबूर करने का गंभीर आरोप लगाया है।
जी, हाँ दोस्तों Danish Kaneria ने पाकिस्तान के एक एक खिलाड़ी के रूप में जाने जाने वाले खिलाड़ी Shahid afridi पारा एटॉप लगाया है, की जब वे पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला करते थे, उस दौरान shahid afridi ने एक बार नहीं बल्कि कई बार Danish पर धर्मांतरण करने के लिए दबाव बनाया गया था। उस समय Danish Kaneria उस बात को हस कर टाल दिया करते थे। जिस कारण आगे चलकर उन्हें और भी कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था।

आगे उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके इंज़माम-उल-हक़ के बारे में बताया, की केवल ये ही एक शख़्स थे जिन्होंने Danish Kaneria को हमेशा से सपोर्ट किया था। उन्होंने कहा कि शायद ये ना होते तो मैं भी इतने समय तक पाकिस्तान क्रिकेट टीम में ना रह पता था।
Danish Kaneria:- क्रिकेट एक केवल एक खेल नहीं है, बल्कि यह भारतीय लोगो के लिये इमोशन है। इस खेल ने कई लोगो की कुंडलियाँ बनाई है, जिनमें विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर और भी अन्य लोग शामिल है। साथ ही इस खेल ने कई लोगो की ज़िंदगियाँ ऊपर से नीचे की तरफ़ ला का रख दिया है। इनमें से ही एक खिलाड़ी जिनका नाम Danish kaneria है। आज हम इनके बारे में विस्तार से जानने वाले है।
यह पाकिस्तान के इकलौते खिलाड़ी है, जो की हिंदू थे। उन्होंने पाकिस्तान के कप्तान रह चुके Sahid afridi पर काफ़ी कुछ विवादित बयान दिया है, साथ ही जब वे जब पाकिस्तान टीम के लिए क्रिकेट खेलते थे, उस समय उन्होंने कितनी समस्याओं का सामना किया, सब कुछ विस्तार से बताया है। तो चलिए इस सफ़र को शुरू करते है।
Danish Kaneria कौन है ?
Danish Kaneria का जन्म पाकिस्तान के कराची में 16 दिसंबर 1980 में हुआ था। उनका पूरा नाम Danish Prabhudas kaneriya है। वे पाकिस्तान जैसे मुस्लिम बहुल देश में हिंदू परिवार से ताल्लुक़ रखते है। उन्होंने पाकिस्तान के लिए काफ़ी टेस्ट मैचेस खेले। उन्होंने इंटरनेशनल जगत में दमदार लेग-स्पिन करके अपनी अच्छी पहचान बना ली थी। उनका नाम पाकिस्तान के सफल लेग-स्पिनर में गिना जाता है।
वे पाकिस्तान के पहले हिंदू टेस्ट क्रिकेटर के रूप में भी काफ़ी प्रचलित थे। उन्होंने अपने कैरीअर में कई रिकॉर्ड्स भी बनाए थे। उनका हिंदू होना उनके कैरीअर में कई जगह पर समस्या का कारण बनता था। जिससे उनका नाम कई बार विवादों से भी जुड़ा रहा था।
Danish Kaneria का क्रिकेट करियर: शुरुआत से शिखर तक
Danish Kaneria ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत घरेलू स्तर पर की। उनकी प्रतिभा को जल्द ही पहचान मिली और 2000 में उन्हें पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया। उनका पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ फैसलाबाद में खेला गया था। इस मैच में उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया और यह साबित कर दिया कि वे बड़े मंच के लिए तैयार हैं।
उनके करियर का सबसे सुनहरा दौर तब आया जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपनी लेग-स्पिन से बल्लेबाजों को परेशान करना शुरू किया। Danish Kaneria ने 61 टेस्ट मैचों में 261 विकेट लिए, जो उन्हें पाकिस्तान के सबसे सफल स्पिनरों में शामिल करता है। उनकी गेंदबाजी में विविधता थी—गुगली, फ्लिपर और टॉप-स्पिन जैसी गेंदें उन्हें खतरनाक बनाती थीं। इसके अलावा, उन्होंने 18 वनडे मैचों में भी हिस्सा लिया, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में ही उनकी असली पहचान बनी।
एक समय ऐसा था जब उनकी तुलना ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वॉर्न से की जाने लगी थी। लेकिन जहां शेन वॉर्न का करियर सम्मान के साथ समाप्त हुआ, वहीं Danish Kaneria का करियर विवादों में उलझकर खत्म हुआ।
विवादों में फंसा नाम: Danish Kaneria और स्पॉट फिक्सिंग
Danish Kaneria का नाम पहली बार विवादों में तब आया जब 2009 में वे इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे। वे एसेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब का हिस्सा थे। इसी दौरान उन पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे। स्पॉट फिक्सिंग क्रिकेट में एक ऐसा अपराध है जिसमें खिलाड़ी खेल के कुछ खास हिस्सों को प्रभावित करने के लिए पैसे लेते हैं।
शुरुआत में Danish Kaneria ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया। लेकिन 2018 में, छह साल तक इनकार करने के बाद, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी मर्विन वेस्टफील्ड को एक सट्टेबाज से पैसे लेकर खराब प्रदर्शन करने के लिए उकसाया था। इस कबूलनामे ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने 2012 में उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया, जिसके खिलाफ उनकी अपील भी नाकाम रही।
यह घटना Danish Kaneria के करियर का अंत साबित हुई। एक खिलाड़ी जो कभी शिखर पर था, वह अचानक विवादों की वजह से गुमनामी में चला गया। लेकिन क्या यह पूरी कहानी थी? कई लोग मानते हैं कि उनके साथ पक्षपात भी हुआ, जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे।
विवादों में फंसा नाम: Danish Kaneria और स्पॉट फिक्सिंग
Danish Kaneria का नाम पहली बार विवादों में तब आया जब 2009 में वे इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे। वे एसेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब का हिस्सा थे। इसी दौरान उन पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे। स्पॉट फिक्सिंग क्रिकेट में एक ऐसा अपराध है जिसमें खिलाड़ी खेल के कुछ खास हिस्सों को प्रभावित करने के लिए पैसे लेते हैं।
शुरुआत में Danish Kaneria ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया। लेकिन 2018 में, छह साल तक इनकार करने के बाद, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी मर्विन वेस्टफील्ड को एक सट्टेबाज से पैसे लेकर खराब प्रदर्शन करने के लिए उकसाया था। इस कबूलनामे ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने 2012 में उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया, जिसके खिलाफ उनकी अपील भी नाकाम रही।
यह घटना Danish Kaneria के करियर का अंत साबित हुई। एक खिलाड़ी जो कभी शिखर पर था, वह अचानक विवादों की वजह से गुमनामी में चला गया। लेकिन क्या यह पूरी कहानी थी? कई लोग मानते हैं कि उनके साथ पक्षपात भी हुआ, जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे।
क्या Danish Kaneria के साथ हुआ भेदभाव?
Danish Kaneria ने कई बार दावा किया कि उनके साथ उनके धर्म की वजह से भेदभाव किया गया। पाकिस्तान में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है, और कुछ लोगों का मानना है कि उनके करियर को जानबूझकर नष्ट किया गया क्योंकि वे मुस्लिम नहीं थे। सोशल मीडिया पर भी यह सवाल उठता रहा है कि क्या पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने उनके खिलाफ सख्त रुख इसलिए अपनाया क्योंकि वे हिंदू थे।
हालांकि, इस दावे के पक्ष में कोई ठोस सबूत नहीं है। Danish Kaneria ने खुद 2023 में एक ट्वीट में कहा था कि वे अंतरराष्ट्रीय मैचों में फिक्सिंग के दोषी नहीं पाए गए और ECB ने उन्हें केवल काउंटी क्रिकेट से प्रतिबंधित किया। उनके मुताबिक, यह फैसला बिना किसी ठोस सबूत के लिया गया था। फिर भी, स्पॉट फिक्सिंग में उनकी संलिप्तता को वे खुद स्वीकार कर चुके हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह सिर्फ बहाना था या सच में उनके साथ अन्याय हुआ।
Danish Kaneria का निजी जीवन और वर्तमान स्थिति
विवादों के बाद Danish Kaneria ने क्रिकेट से दूरी बना ली। आज वे कराची में अपने परिवार के साथ एक निजी जिंदगी जीते हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे शामिल हैं। क्रिकेट से दूर होने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी राय रखना शुरू किया, खासकर पाकिस्तान क्रिकेट और सामाजिक मुद्दों पर।
2025 में उनकी एक टिप्पणी ने फिर से सुर्खियां बटोरीं, जब उन्होंने ICC चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान टीम के खराब प्रदर्शन की आलोचना की। Danish Kaneria आज भी क्रिकेट से जुड़े रहना चाहते हैं, लेकिन उनका आजीवन प्रतिबंध उनकी राह में सबसे बड़ी बाधा है।
दानिश कनेरिया से हम क्या सीख सकते हैं?
Danish Kaneria की कहानी हमें कई सबक देती है। पहला, प्रतिभा के साथ-साथ नैतिकता भी जरूरी है। दूसरा, विवादों से बचने के लिए सही फैसले लेना महत्वपूर्ण है। उनकी जिंदगी यह भी दिखाती है कि एक गलती आपके पूरे करियर को खत्म कर सकती है, चाहे आप कितने बड़े खिलाड़ी क्यों न हों।
उनके प्रशंसकों के लिए यह दुखद है कि एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी का करियर ऐसे खत्म हुआ। लेकिन यह भी सच है कि क्रिकेट जैसे खेल में ईमानदारी और पारदर्शिता सबसे ऊपर होनी चाहिए।
दानिश कनेरिया उपलब्धियां: एक नजर
- टेस्ट विकेट: 61 मैचों में 261 विकेट
- बेस्ट प्रदर्शन: एक पारी में 7/77 (श्रीलंका के खिलाफ, 2004)
- पाकिस्तान का चौथा सबसे सफल गेंदबाज: वसीम अकरम, वकार यूनिस और इमरान खान के बाद
- वनडे करियर: 18 मैच, 15 विकेट
FAQ
अपने क्रिकेट करियर में टेस्ट में Danish Kaneria ने 261 विकेट लिए, जो उन्हें पाकिस्तान के सबसे सफल स्पिनर बनाता है। इसके अलावा, उन्होंने 18 वनडे में 15 विकेट और 206 प्रथम श्रेणी मैचों में 1,024 विकेट हासिल किए। उनकी गेंदबाजी में लेग-स्पिन और गुगली ने उन्हें खास बनाया।
2009 में Danish Kaneria पर इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलते समय स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा। वे एसेक्स टीम का हिस्सा थे जब उनके साथी मर्विन वेस्टफील्ड के साथ मिलकर एक मैच में खराब प्रदर्शन करने का मामला सामने आया। 2012 में ECB ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया, और 2018 में उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की।
Danish Kaneria ने दावा किया कि उनके हिंदू होने के कारण पाकिस्तान क्रिकेट टीम में उनके साथ भेदभाव हुआ। पूर्व खिलाड़ी शोएब अख्तर ने भी इसकी पुष्टि की थी। हालांकि, कोई ठोस सबूत नहीं मिला, और यह मुद्दा आज भी विवादास्पद बना हुआ है।
2012 में Danish Kaneria पर ECB ने आजीवन प्रतिबंध लगाया, जो अभी भी प्रभावी है। उनकी अपील 2013 में खारिज हो गई थी। 2025 तक, कोई संकेत नहीं है कि यह प्रतिबंध हटेगा, और वे क्रिकेट में वापसी की उम्मीद खो चुके हैं।
वे पाकिस्तान में अपने परिवार के साथ निजी जिंदगी जीते हैं। वे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और अपने यूट्यूब चैनल “Danish Kaneria 261” पर क्रिकेट विश्लेषण करते हैं। 2025 में वे क्रिकेट से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते रहते हैं।
निष्कर्ष: दानिश कनेरिया – एक अधूरी कहानी
Danish Kaneria की जिंदगी एक ऐसी किताब की तरह है, जिसके कई पन्ने अभी भी अनलिखे हैं। वे एक शानदार क्रिकेटर थे, लेकिन उनकी कहानी विवादों और दुखों से भरी रही। क्या वे कभी अपने प्रतिबंध से मुक्त हो पाएंगे? क्या दुनिया उनकी प्रतिभा को फिर से याद करेगी? ये सवाल अभी अनुत्तरित हैं। ये भी ज़रूर पढ़ें :- सूत्रों से पता चला है की जल्द ही शेख़ हसीना बांग्लादेश वापस जा सकती है, वो भी बांग्लादेश की प्रधान मंत्री के रू में।
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1 thought on “Danish Kaneria: Shahid Afridi force me to convert many times”