Dr Shyam Prasad Mukharji: धारा 370 का मुख्य शत्रु

दिल्ली :- दोस्तों, आज पूरे भारत में Dr Shyam Prasad Mukharji की पुण्य तिथि पर उन्हें सतत नमन कर रहे है। काफ़ी लोगों ने सोशल मीडिया पर उनका पोस्ट साझा किया है। लोगों सोशल मीडिया पर उनके द्वारा किए गये भारत का लाभ हेतु कार्यों को काफ़ी सराहना कर रहे है। उनका जन्म 6 जुलाई 1901 को हुआ था, और उनका निधन जम्मू-कश्मीर में हिरासत के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद इस दिन को उनके बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 

Dr Shyam Prasad Mukharji update

Dr Shyam Prasad Mukharji का जीवन 

इनका जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता के एक परिवार में हुआ था। इनकी माता जी का नाम जोगमाया देवी और पिता का नाम आशुतोष मुखर्जी था। इनके पिता जी शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। Dr Shyam Prasad Mukharji ने अपनी शिक्षा कोलकाता विश्वविद्यालय से 1021 में अंग्रेज़ी में बीए किया। इसके बाद वे 1923 में क़ानूनी डिग्री प्राप्त कर लंदन चले गये और 1924 में बैरिस्टर की पढ़ाई कर वापस लौटे थे। 

राजनीतिक जीवन 

सन्ज 1947 में जब भारत आज़ाद हुआ था, तब नेहरू सरकार में उन्हें उद्योग और आपूर्ति का मंत्री बनाया गया था। इसमें उन्होंने कुछ समय तक अच्छा काम किया परंतु सन् 1950 में Dr Shyam Prasad Mukharji का नेहरू से विवाद होने के कारण उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद सन् 1951 में उन्होंने अपनी ख़ुद की राजनीतिक पार्टी बनाई जिसका नाम भारतीय जनसंख्या रखा था। उन्हीं की राजनीतिक पार्टी का नाम आज भारतीय जानता पार्टी है, और यह भारत कि सबसे बड़ी पार्टी भी है। 

आर्टिकल 370 के ख़िलाफ़ 

जैसा कि सब जानते है कि Dr Shyam Prasad Mukharji राष्ट्रहित की सोच, हिंदुत्व की रक्षा की सोच रखते थे। जब से कश्मीर के लिए आर्टिकल 370 आया था तब से वे इसका विरोध कर रहे थे। उन्होंने लोगों को जागरूक कर सरकार पार दबाव डालने के लिए “एक देश, एक निशान और एक विधान” का नारा भी दिया था। जब 2019 में भारतीय जानता पार्टी द्वारा कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया, उसे भी Dr Shyam Prasad Mukharji की सोच की जीत ही माना जाता है। 

Dr Shyam Prasad Mukharji की ख़ुफ़िया तरीक़े से मृत्यु 

जब कश्मीर के लिए उस समय की मौजूदा सरकार ने अलग से धारा 370 लागू किया, उस समय कश्मीर में जाने के लिये परमिट लेना पड़ता था। Dr Shyam Prasad Mukharji इसके विरुद्ध थे। इस को हटाने के लिए सन् 1953 में वे बिना परमिट कश्मीर में चले गये जिसके लिए उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था। इसके बाद उनकी आश्चर्यचकित तरीक़े से मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु का अभी तक कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिला है, और ना सरकार ने जानने की कोशिश की है। 

Dr Shyam Prasad Mukharji की उपलब्धियाँ

उन्होंने अपने जीवन में काफ़ी कुछ बड़े-बड़े काम किए है। जम्मू-कश्मीर को अलग करने वाला क़ानून धारा 370 को हटाने के लिए उनकी कोशिशों को हमेशा याद किया जाता है, और जब धारा 370 हटना भी उनकी विचारधारा का जितना माना जाता है। यह भी पढ़े :- इज़राइल के प्रधान मंत्री ने डॉनल्ड ट्रम्प को शुक्रिया कहा। सही समय पर आपने हमला किया।

उन्होंने सन् 1950 में नेहरू का साथ छोड़ कर अपनी पार्टी बनाई थी जिसका नाम भारतीय जनसंख्या था। इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य हिंदू संस्कृति और राष्ट्र के हिट में उन्नति के बारे में सूचना और देश को प्रगति की ओर ले जाना था। इसके अलावा उन्होंने कोलकाता और पूरे भारत में शिक्षा व्यवस्था के सुधार में भी काफ़ी अच्छा काम किया था। 

लोगों द्वारा पूछे गये सवाल

Dr Shyam Prasad Mukharji की मृत्यु कैसे हुई ?

जब वे बिना परमिट के कश्मीर गये तो उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया, और कुछ समय बाद उनकी मृत्यु की खबर आयी थी।

उनका जन्म कहाँ हुआ था?

बता दें कि उनका जन्म कोलकाता के एक बंगाली परिवार में हुआ था।

क्या सच में भारतीय जानता पार्टी के संस्थापक Dr Shyam Prasad Mukharji है ?

ही हाँ, परंतु उन्होंने अपने पार्टी जा नाम भारतीय संघ रखा था जो आगे चलकर भारतीय जानता पार्टी के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

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