Kash Patel: Why Trump Selected This Indian-American to Lead the FBI

हाल ही में हुए अमेरिका के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प जीत गये हैं, और अब वे भारतीय-अमरीकियों को अपने दूसरे कार्यकाल में प्रमुख पदों पर रखने की तैयारी कर रहें है। ट्रम्प के पूर्व अत्याधमिक सलाहकार जॉनी मूर ने X (पूर्व twitter) पर इस बात की जानकारी दी है और साथ ही kash कश्यप पटेल अगला FBI chief भी बना सकते है।

अमेरिका के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए काफ़ी ख़ुशी का पाल है क्योंकि इनमें उपराष्ट्रपति-चुनाव में जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस; विवेक रामास्वामी; जय भट्टाचार्य; और कश्यप पटेल kash शामिल भी हैं।जॉनी मूर ने ट्रम्प की योजनाओं में भारतीय-अमेरिकियों की प्रमुखता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “उषा, तुलसी, विवेक, जय और अब Kash। भारतीय-अमेरिकी/हिंदू अमेरिकी समुदाय दूसरे ट्रम्प प्रशासन के केंद्र में होगा।”

हाल ही में trump ने Kash को अमेरिका के FBI का नेतृत्व के लिए नामांकन किया है। कश्यप पटेल ने पहले भी रक्षा विभाग में चीफ ऑफ़ स्टाफ, राष्ट्रीय ख़ुफ़िया के उपनिदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोध के वरिष्ठ निदेशक के रूप में पद संभाले थे। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर Kash के नामांकन की घोषणा की।

डॉनल्ड ट्रम्प ने Kash के बारे में बताया 

Trump ने आगे कहा की मुझे इस बात को बताते हुए काफ़ी ख़ुशी हो रही है की “कश्यप पटेल Kash पटेल संघीय जाँच ब्यूरो के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे।Kash एक शानदार वकील, अन्वेषक और ‘अमेरिका फर्स्ट’ योद्धा हैं, जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है।”

आगे ट्रम्प ने बताया की कैसे Kash ने रुस के झाँसे के बारे में उजागर करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाऐं थे। Kash ने मेरे पहले कार्यकाल में काफ़ी अच्छा काम किया था जहां उन्होंने रक्षा विभाग में चीफ ऑफ़ स्टाफ, राष्ट्रीय ख़ुफ़िया के उप निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद के ख़िलाफ़ वरिष्ठ निदेशक के रूप में कार्य किया था।अब तक kash ने ज़ुरी ट्रायल भी 60 से ज़्यादा लड़े हैं। 

यहां आपको kash (कश्यप पटेल) के बारे में सब कुछ जानने को मिलेगा।

Kash (कश्यप पटेल) का जन्म 

kash का जन्म न्यूयार्क के पास लौंग आइलैण्ड में एक भारतीय-गुजराती माता-पिता के घर में हुआ था। kash का पालन-पोषण एक हिंदू के रूप में हुआ था और वे कहते है की उनका भारत से बहुत गहरा संबंध है। kash ने अपनी पढ़ाई रिचमंड यूनिवर्सिटी से आपराधिक न्याय में स्नातक की डिग्री और पेस यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से अंतरराष्ट्रीय कानून का प्रमाण पत्र प्राप्त किया।

kash ने शुरुआत में सार्वजनिक वकील के रूप में 2005 से 2013 तक काम किया था। उसके बाद 2014 में kash न्याय विभाग में ट्रायल एटरनी ke रूप में शामिल हो गये थे, और साथ ही संयुक्त विशेष अभियान कमान के लिए एक कानूनी संपर्क अधिकारी के रूप में भी काम किया। रक्षा विभाग की उनकी जीवनी में भी उन्हें “जीवन भर आइस हॉकी खिलाड़ी, कोच और प्रशंसक” के रूप में वर्णित किया गया है।

डॉनल्ड ट्रम्प की क़ानूनी उलझनें 

Kash हमेशा न्यूयार्क के कोर्ट में ट्रम्प की सुनवाई में हमेशा ट्रम्प के साथ बाहर आते थे जहां पर ट्रम्प को दोषी घोषित किया गया था। वहाँ kash से पूछा गया था तो kash ने संवाददाताओं से बताया था कि ट्रम्प एक “असंवैधानिक सर्कस” का शिकार थे।वर्गीकृत दस्तावेज के मामले में जाँच कर रहे वाशिंगटन ग्रैंड जूरी के समक्ष में 2022 में kash ने ट्रम्प के समर्थन में गवाही दी थी। 

kash (कश्यप पटेल) 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को पलटने के लिए ट्रम्प के प्रयासों पर कॉलोरैडो कोर्ट की सुनवाई चल रही थी वहाँ भी शामिल थे जिस वजह से 6 जनवरी 2021 को US में दंगा हुआ था।कार्यवाहक रक्षा सचिव के तत्कालीन चीफ ऑफ स्टाफ पटेल ने गवाही दी कि ट्रम्प ने “हमले से कुछ दिन पहले 10,000 से 20,000 सैनिकों को तैनात करने के लिए पूर्व-निर्धारित रूप से अधिकृत किया था।” हालाँकि, बाद में कोर्ट ने पाया कि पटेल इस विषय पर “विश्वसनीय गवाह नहीं थे”।

FBI की पिछली बार की आलोचना 

यदि kash FBI में आते हैं तो FBI में बहुत से बदलाव देखनें को मिल सकते हैं। “शॉन रयान शो” में kash ने बताया कि FBI एक बहुत ही प्रभावशाली विभाग है और अब ये बहुत बड़ा हो गया है। उन्होंने फ्लोरिडा में ट्रम्प के मार-ए-लागो निवास के एफबीआई के 2022 के सर्च वारंट की भी आलोचना की, जिसने ट्रम्प के खिलाफ वर्गीकृत दस्तावेजों से जुड़े मामले का आधार बनाया।

“डीप स्टेट” की आलोचना 

Deep state एक पुस्तक है जहां “डीप स्टेट” का उपयोग निर्वाचित राजनेताओं, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों, पत्रकारों और “अनिर्वाचित नौकरशाही के सदस्यों के बारे में बताने के लिए करते है। वे इसे हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बताते है। उनका कहना है कि kash “गवर्नमेंट गैंगस्टर” में पटेल डीप स्टेट पर भारी पड़ जाते हैं।ट्रम्प निस्संदेह इसे स्वीकार करते हैं, और उन्होंने इस पुस्तक को “व्हाइट हाउस को वापस लेने का” कहा है। ये भी पढ़ें :- इस बार US ने किस तरह से Election करवाया था जिस वजह से ट्रम्प जीत गये, पूरी बात जानने के लिए यहाँ दबाएँ।

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