25 जुलाई 2025 को रिलीज होने वाली तमिल फिल्म Maareesan ने अपने प्रीमियर से पहले ही दर्शकों और समीक्षकों के बीच खासी चर्चा बटोर ली है। सुधेश शंकर द्वारा निर्देशित और वी. कृष्ण मूर्ति द्वारा लिखित यह फिल्म एक कॉमेडी थ्रिलर है, जिसमें फहद फासिल और वडिवेलु की जोड़ी ने कमाल कर दिखाया है। Maareesan एक ऐसी कहानी है जो हंसी, सस्पेंस और सामाजिक संदेश को एक साथ पिरोती है, और इसका अनोखा अंदाज दर्शकों को बांधे रखता है। आइए, इस फिल्म की समीक्षा में गहराई से जानते हैं कि क्या चीज Maareesan को इतना खास बनाती है।

कहानी का रोमांचक आधार
Maareesan की कहानी की शुरुआत धयालान (फहद फासिल) से होती है, जो एक छोटा-मोटा चोर है और हाल ही में पलायमकोट्टई जेल से रिहा हुआ है। धयालान का मानना है कि कुछ घर उसे “बुलाते” हैं, यानी चोरी के लिए सही मौका देते हैं। ऐसा ही एक घर उसे वेलायुधम पिल्लई (वडिवेलु) का लगता है, जो एक अल्जाइमर से पीड़ित बुजुर्ग है।
वेलायुधम, धयालान को अपना बेटा समझने की भूल करता है और उससे तिरुवन्नामलाई में अपने दोस्त के पास छोड़ने की गुजारिश करता है। जब धयालान को पता चलता है कि वेलायुधम के बैंक खाते में 25 लाख रुपये हैं, तो वह इस मौके को भुनाने की सोचता है। यहीं से शुरू होता है एक रोड-ट्रिप का सिलसिला, जो हास्य, भावनाओं और अप्रत्याशित ट्विस्ट से भरा है। यह भी पढ़ें :- रितिक रोशन के पिता राकेश रोशन नो 75% नसें बंद, बड़ा इलाज हुआ। जानिए पूरी समस्या
Maareesan में फहद और वडिवेलु की शानदार जोड़ी
Maareesan का पहला हाफ धीमी गति से आगे बढ़ता है, लेकिन यह धीमापन कहानी को बुनने में मदद करता है। फहद और वडिवेलु की जोड़ी स्क्रीन पर जादू बिखेरती है। फहद का बिंदास और चालाक अंदाज, वडिवेलु की मासूमियत और भूलने की बीमारी से उपजी हरकतों के बीच एक अनोखी केमिस्ट्री बनती है।
दोनों के बीच के मजेदार संवाद, पुराने तमिल गानों का इस्तेमाल, और हल्का-फुल्का हास्य दर्शकों को खूब गुदगुदाता है। खासकर, जब दोनों मायाबाजार के गाने “आहा इनबा निलाविनिले” को गाते हैं, तो सिनेमाघर में एक अलग ही माहौल बन जाता है।
Watched Maareesan – a film that dances effortlessly between wit and depth, leaving me laughing, thinking, and admiring its craft. Had a wonderful conversation with the team to congratulate them on this delightful creation.
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) July 24, 2025
Beneath its humour lies a socially conscious lens on…
Maareesan में संगीत और सिनेमैटोग्राफी का जादू
युवन शंकर राजा का बैकग्राउंड स्कोर और गाने Maareesan के अलग-अलग भावनात्मक रंगों को बखूबी दर्शाते हैं। उनका संगीत कहानी के मूड को और निखारता है, चाहे वह हल्का-फुल्का हास्य हो या गहरा सस्पेंस। कलैसेल्वन शिवाजी की सिनेमैटोग्राफी रोड-ट्रिप के दृश्यों को जीवंत बनाती है, खासकर तमिलनाडु के ग्रामीण और शहरी परिदृश्यों को। श्रीजीत सरंग का संपादन फिल्म को कसावट देता है, हालांकि कुछ दृश्यों में गति थोड़ी और तेज हो सकती थी।
ट्विस्ट और थ्रिल का तड़का
Maareesan का इंटरवल ट्विस्ट फिल्म का सबसे बड़ा सरप्राइज है। ट्रेलर में इस ट्विस्ट का कोई संकेत नहीं दिया गया था, जिसके चलते यह दर्शकों को चौंका देता है। दूसरा हाफ कहानी को एक थ्रिलर की दिशा में ले जाता है, जहां सस्पेंस और भावनात्मक गहराई बढ़ती है। वडिवेलु का किरदार, जो पहले हल्का-फुल्का लगता था, गंभीर और रहस्यमयी हो जाता है।
उनकी एक्टिंग इस फिल्म का दिल है—वह अपने कॉमेडी इमेज से हटकर एक गहरे किरदार को बखूबी निभाते हैं। फहद भी अपने रोल में पूरी तरह फिट बैठते हैं; उनका किरदार धीरे-धीरे बदलता है और यह बदलाव बेहद स्वाभाविक लगता है। हालांकि, कुछ समीक्षकों का मानना है कि दूसरा हाफ कुछ जगहों पर रूढ़िगत हो जाता है, खासकर फ्लैशबैक और क्लाइमेक्स में, जहां कहानी थोड़ी प्रेडिक्टेबल लग सकती है।
सामाजिक संदेश और संवेदनशीलता
Maareesan एक सामाजिक संदेश को भी छूती है, खासकर एक जघन्य अपराध के इर्द-गिर्द, जिसे संवेदनशील तरीके से दिखाया गया है। फिल्म इसे ग्राफिक तरीके से प्रदर्शित करने के बजाय सूक्ष्मता से पेश करती है, जो इसे और प्रभावशाली बनाता है। कमल हासन ने भी Maareesan की तारीफ करते हुए इसे “हास्य और गहराई के बीच नाचने वाली फिल्म” बताया है, जो इसके शिल्प और सामाजिक संदेश को सराहता है।