Osamu suzuki:- यह वही व्यक्ति है जिन्होंने भारत की सरकार से हाथ मिलाकर संयुक्त उद्यम बनाने के लिए जोखिम उठाया था। osamu suzuki को भारत में ऑटोमोटिव उद्योग को बढ़ावा देने वाला व्यक्ति के रूप में भी माना जाता है।
इन्होंने उस समय भारत में कारोबार खोलकर कर जोखिम उठाया था, जब शायद ही कोई विदेशी कंपनी भारत में अपना कारोबार शुरू करने की बारे में सोचती थी। भारत की अर्थव्यवस्था आज के अनुसार नहीं थी। भारत उस समय काफ़ी बुरी अवस्था में था।
osamu suzuki का हुआ निधन
शुक्रवार के दिन suzuki motor corporation द्वारा मिली जानकारी के अनुसार osamu suzuki का निधन हो गया है। उनका निधन 94 वर्ष की आयु में हुआ है। कंपनी ने बताया है की 25 दिसंबर 2024 को उन्हें काफ़ी घातक लिंफोमा हुआ, जिस वजह से उनकी जान चली गई।
osamu suzuki और भारत सरकार का गठबंधन
इस व्यक्ति ने सन् 1981 में मौजूद सरकार के साथ मिलकर जोखिम उठाया था और उस समय भारत में मारुति उद्योग लिमिटेड शुरू किया था। उस समय भारत लाइसेंस व्यवस्था के रूप में एक बंद अर्थ व्यवस्था था, उस समय भारत में ऑटोमोटिव को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति के रूप में osamu suzuki को माना जाता है।
भारत सरकार ने suzuki से अपनी हिस्सेदारी क्यों समाप्त कार ली ?
भारत में osamu suzuki की कंपनी मारुति उद्योग लिमिटेड आगे चलकर Maruti suzuki india limited बन कर उभरी थी, जब भारत की सरकार ने सन् 2007 में suzuki motor corporation में से अपनी बहुतायत हिस्सेदारी से अपना कारोबार समाप्त कर दिया था। उस समय maruti suzuki india limited के निदेशक और अध्यक्ष osamu suzuki थे।
बता दें कि “ osamu suzuki दृष्टि दूरदर्शी थी और वे हमेशा दूर का सोचते थे। जो जोखिम कोई और उठाने को तैया नहीं था, ऐसी जोखिम उठाने की उनकी इच्छा, और भारत के प्रति उनके प्रेम, और एक शिक्षक के रूप में उनकी क्षमताओं के बिना भारत शायद ही आज ऑटोमोबाइल में आज पॉवर हॉर्स के रूप में उभर पता था, जो आज बन गया है।
Maruti suzuki india limited के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने उनके निधन पर क्या बयान दिया ?
उन्होंने कहा कि “भारत में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। भारत में लाखों लोग osamu suzuki के वजह से काफ़ी अच्छा जीवन जी पास रहे है। उन्होंने आगे बताया की osamu suzuki का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान और साथ-साथ भारत और जापान के बीच पुल बनाने के लिए उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित करके स्वीकार किया गया है।”
Maruti suzuki india limited ने एक अलग बयान जारी किया कहा बताया गया कि “ osamu suzuki एक दूरदर्शी नेता और व्यावसायिक थे, जिन्होंने अपना सराहनीय योगदान ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किया।” भारत में कंपनी ने बयान देते हुए कहा की “उनकी दूरदर्शिता और उनके नेतृत्व ने सन् 1981 में भारत में मारुति उद्योग लिमिटेड के गढ़ना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कंपनी ने आगे बताया की “ osamu suzuki के नेतृत्व में भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनी ने जापानी विनिर्माण कार्यपाधतियों को अपनाया था जो की उत्पादक, टीमवर्क और लागत प्रभाशीलता द्वारा वीसवा स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
भारत और osamu suzuki के बीच संबंध कैसे है ?
भार्गव ने भारत और suzuki के बीच रिश्ते पर बयान देते हुए बताया की “भारत के साथ suzuki के संबंधों को याद किया और कहा की उन्होंने भारत के कई प्रधान मंत्रियों का विश्वास जीतने में सक्षम साबित हुए है।भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी वे बहुत करीबी थे।
Deeply saddened by the passing of Mr. Osamu Suzuki, a legendary figure in the global automotive industry. His visionary work reshaped global perceptions of mobility. Under his leadership, Suzuki Motor Corporation became a global powerhouse, successfully navigating challenges,… pic.twitter.com/MjXmYaEOYA
— Narendra Modi (@narendramodi) December 27, 2024
भारत में osamu suzuki के प्रशंसक
भारत देश में उनके लाखों प्रशंसक है, और जिन्हें भी उनसे लाभ मिला है वे उन्हें याद करेंगे। आगे उन्होंने कहा की किस प्रकार राष्ट्रीयत्व लोगो के बीच एक-दूसरे पर अटूट विश्वास करना सिखाती है। भार्गव ने अपनी व्यक्तिगत श्रद्धांजलि देते हुए कहा की “वे मेरे लिये मेरे शिक्षक, मार्गदर्शन और ऐसे व्यक्ति के रूप में मेरी ज़िंदगी में शामिल थे, जिन्होंने मेरी सबसे बुरे हालात में भी मेरे साथ खड़े थे।
आगे भार्गव ने कहा की “अगर मारुति कंपनी में मेरा किसी भी तरह का अब तक कोई योगदान है तो वो सर्फ इसलिए है क्यूकी मैं उनका छात्रा था और मैंने उनसे सीखा है, की किसी भी कंपनी को किस तरह से ऊपर लाया जाता है, और उसे आगे कैसे बढ़ाया जाता है।
भार्गव से मिलने आये थे osamu suzuki
भार्गव ने बताया है की इस साल 2024 के जुलाई के आख़िर में वह दिल्ली आये थे। उनका भारत के दिल्ली में आने का कारण था की वे मेरे 90वें जन्मदिन में शामिल होना चाहते थे।यह मेरे लिये बहुत ही ख़ुशी का मौक़ा था। “मुझे नहीं पता था की मैं अपने 90वे जन्मदिन पर उनसे आख़िरी बार मी रहा हूँ।
osamu suzuki का जन्म और पढ़ाई
सन् 1930 में जनवरी 30 को osamu suzuki का जन्म या था। उन्होंने अपनी उपाधि और पढ़ाई चुओं विश्वविद्यालय से प्राप्त की। पढ़ाई समाप्त होने के बाद उन्होंने अप्रैल 1958 को उस समय में मौजूद suzuki motor company limited में शामिल hue थे। फिर कुछ सालों बाद सन् 1963 में कंपनी ने उन्हें निदेशक के रूप में नियुक्त कर दिया, और सन् 1967 के दिसंबर में कंपनी ने उन्हें निदेशक और प्रबंद निदेशक बना दिया था।
osamu suzuki के अच्छे काम क्या है ?
उन्होंने अपने दूरदर्शिता और जोखिम लेने की कोशिश ने भारत के लाखों लोगो को सस्ती, विस्वसनीय, अच्छी गुदाता और कुशल वाहनों के साथ-साथ सशक्त बनाकर भारत के लोगो को पहियों पर आने के सपने को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है।
फ़िल कुछ सालों बाद वे सन् 2000 के जून महीने में suzuki motor corporation के अध्यक्ष बन गये। फिर कुछ सालों बाद सन् 2021 में उन्हें काँपनी ने वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया, और उनके सबसे बड़े बेटे तोशिहिरों सुज़ुकी ने बागडोर सँभाली थी।
ACMA की अध्यक्ष ने उनके निधन पर क्या कहा ?
ACMA (Automotive component manufacturer association of india) की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह है, और इन्होंने osamu suzuki के निधन पर शोक संदेश दिया और लगाई की “osamu suzuki ने maruti suzuki के माध्यम से ना केवल भारतीय ऑटोमोबाइल की दुनिया में क्रांति लायी बल्कि भारत और जापान के रिश्तों को भी मजबूत किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि “osamu suzuki ने अपने कई वर्षों के एक्सपीरियंस और दशक की मेहनत से suzuki कंपनी को दुनिया भर में सबसे भरोसेमंद ऑटोमोबाइल ब्रांड में से एक बना दिया।
सुब्रॉस के सीएमडी मारवाह ने osamu suzuki को संरक्षक और नवप्रवर्तक के रूप में बताया। उन्होंने ऑटोमोबाइल की दुनिया में जिस तरह की छाप छोड़ी है उसे व्यावसायिक समुदायों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। ये भी ज़रूर पढ़े:- भारत के अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधान मंत्री के निधन पर देखिए दुनिया के leaders की प्रतिक्रिया