मुंबई :- नमस्कार दोस्तों, आज भारत के पूर्व प्रधान मंत्री Rajiv gandhi का जन्म दिन है। भारत के आज़ाद होने से पहले आज ही के दिन 20 अगस्त 1944 के दिन उनका जन्म मुंबई में हुआ था। उनके जन्म दिन के मौक़े पर भारत के मौजूदा प्रधान मंत्री ने उनकी श्रद्धांजलि देते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट भी साझा किया है।
वैसे तो Rajiv gandhi को सब भारत के पूर्व प्रधान मंत्री और गांधी परिवार के सदस्य के रूप में जानते है। इसके अलावा लोगों को पता है की उनकी हत्या की गई थी। चलिए आज इस पोस्ट के ज़रिए जानते है कि Rajiv gandhi की हत्या कैसे, किसने और क्यों की थी, और आज वे सभी लोग कहाँ है?

Rajiv gandhi भारत के पूर्व प्रधान मंत्री
बता दें कि आज 20 अगस्त 2025 को अगर Rajiv gandhi जीवित होते तो उनकी उम्र 81 वर्ष की होती थी। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई कार्य किए थे, जो भारत के हिट में थे। इसके अलावा उस समय भी कई लोग ऐसे थे जिन्हें उनका कार्य बिलकुल भी पसंद नहीं आता था। इसी कारण ने कुछ लोगों ने मिलकर उनकी हत्या करने की साज़िश रची थी।
हत्या कैसे की गई?
दरअसल वह भारत के प्रधान मंत्री थे, इसी कारण उन्हें कई जगहों पर दौड़ करने या अपना प्रचार करने जाना पड़ता था। ठीक इसी प्रकार 21 मई 1991 को चेन्नई में स्थित श्री पेरमबूदुर जगह पर अपने प्रचार के लिये रैली करने गये थे। वहाँ एक बॉम विस्फोट हुआ, जिसने उनके साथ-साथ लगभग 18 लोगों की जान ले ली। हालाँकि यह केवल Rajiv gandhi को मारने का प्लान किया गया था।
उसी दिन शाम को अख़बारों ने उनके मौत के बारे में छापना शुरू कर दिया था जिस कारण देश में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। इसके अलावा 2 दिनों तक उनके मौत की जाँच की गई, जिसमें काफ़ी खुलासे सामने आये।
Rajiv gandhi की मृत्यु कैसे हुई ?
उनकी मृत्यु का पता करने के लिए तमिलनाडु के फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट के डायरेक्टर पी. चंद्रशेखर ने जाँच शुरू की। इसमें उन्होंने पाया की जब Rajiv gandhi चेन्नई में रैली करने गये थे, उस दौरान एक महिला उनके पास आकर उनके पैर छूने के लिए नीचे झुकी, और उस महिला को उठाने के लिए Rajiv gandhi नीचे झुके तब उस महिला के कमर में लगा हुआ बॉम फट गया था।
इस बात की पुष्टि के लिए पी. चंद्रशेखर ने बताया की “इस मामले में हम ने रैली के दौरान ली गई सभी तस्वीरों की सहायता ली थी। उन्होंने कहा कि उस महिला के कमर में बॉम था, क्योंकि महिला का कमर और दायाँ हाथ इफ गया था, और Rajiv gandhi का पूरा चेहरा उड़ गया था, जिसकी हड्डियाँ दूर-दूर तक गई थी।” ऐसा तभी होगा जब महिला के कमर में बॉम होगा अन्यथा महिला के आगे का पूरा हिस्सा ख़राब हुआ होता था।
Rajiv gandhi के हत्यारे कहाँ है?
चंद्रशेखर को पूरी रिपोर्ट तैयार करने में लगभग 6 महीनों का समय लगा था। इस रिपोर्ट में कुल 26 लोगों को दोषी करार दिया गया था। इस मामले में ट्राइल कोर्ट ने 26 लोगों को फाँसी की सजा सुनाई थी। इसके अलावा मैं 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने 19 लोगों को बड़ी कर दिया था। बचे हुए 7 लोगों में से 3 लोगों (रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस) को उम्र क़ैद और 4 लोगों (मुर्ग़न, नलिनी, पेररीवालन और संथान) को फाँसी की सजा सुनाई गई थी।
मौत की सजा पाने वाले 4 लोगों ने तमिलनाडु के राज्यपाल को दया याचिका दी, जिसमें नलिनी की मौत की सज़ा को उम्रक़ैद में बदल दिया गया था, बाक़ी 3 लोगों की डेटा याचिका को सन् 2011 में राष्ट्रपति ने ठुकरा दिया था। यह भी पढ़ें :- राश्मिका मांधना की नयी फ़िल्म Thama को लोगों ने ट्विटर पे दिये चौंकाने वाले रिव्यू
इस समय Rajiv gandhi के हत्या के मामले में कोई भी जेल में नहीं है। इनमें से उम्रक़ैद की सजा पाने वाले 3 लोगों (रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस) को 30 साल की सजा के बाद उच्चतम न्यायालय ने 2 वर्ष पहले ही जेल से रिहा कर श्रीलंका भेज दिया गया है।
नलिनी का क्या हुआ?
इसके अलावा नलिनी जिनकी मौत की सजा उम्र क़ैद में बदल दी गई थी, उन्होंने लगभग 30 वर्ष से भी अधिक समय जेल में बिताया जिसके बाद नवंबर 2022 में उन्हें रिहा कर दिया गया और अब वे भारत में ही रहती है।