Rakshabandhan मनाने के पीछे के ये 4 कारण आप भी नहीं जानते होंगे, चैलेंज

Rakshabandhan एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इसे हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी (एक पवित्र धागा) बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र, सुख और समृद्धि की कामना करती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।

why we celebrate Rakshabandhan

Rakshabandhan क्यों मनाया जाता है?

बता दें कि Rakshabandhan का मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के बीच प्रेम, विश्वास और आपसी रक्षा के बंधन को मजबूत करना है। “रक्षा” का अर्थ है सुरक्षा, और “बंधन” का अर्थ है बंधन। यह त्योहार न केवल सगे भाई-बहनों के बीच, बल्कि चचेरे, ममेरे भाई-बहनों या उन लोगों के बीच भी मनाया जाता है जो इस रिश्ते को अपनाते हैं। यह सामाजिक एकता और प्रेम का भी प्रतीक है।

Rakshabandhan का इतिहास और पौराणिक कथाएं

भारत में Rakshabandhan के पीछे कई ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियां जुड़ी हैं, जो इस त्योहार को और भी खास बनाती हैं। कुछ प्रमुख कथाएं निम्नलिखित हैं:

  1. द्रौपदी और श्रीकृष्ण की कथा (महाभारत से):
    महाभारत के अनुसार, एक बार जब भगवान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र चलाया, तो उनकी उंगली से खून निकलने लगा। द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। श्रीकृष्ण इस प्रेम और देखभाल से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया। बाद में, जब कौरवों ने द्रौपदी का चीरहरण करने की कोशिश की, तो श्रीकृष्ण ने उनकी लाज बचाई। इस घटना को Rakshabandhan की प्रेरणा माना जाता है।
  2. यम और यमुना की कथा:
    एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज (मृत्यु के देवता) और उनकी बहन यमुना के बीच गहरा प्रेम था। यमुना ने अपने भाई यमराज को राखी बांधी और उनकी लंबी आयु की कामना की। यमराज ने बदले में यमुना को अमरता का वरदान दिया और वचन दिया कि जो भी भाई अपनी बहन से राखी बंधवाएगा, उसे लंबी आयु और सुरक्षा प्राप्त होगी।
  3. रानी कर्णावती और हुमायूं की कहानी (ऐतिहासिक घटना):
    मध्यकाल में मेवाड़ की रानी कर्णावती ने गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी रियासत की रक्षा के लिए मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजी थी। यह राखी भाई-बहन के रिश्ते की बजाय रक्षा के प्रतीक के रूप में थी। हुमायूं ने इस राखी का सम्मान किया और मेवाड़ की मदद के लिए अपनी सेना भेजी। यह घटना Rakshabandhan के सामाजिक और रक्षा के पहलू को दर्शाती है।
  4. इंद्र और इंद्राणी की कथा:
    एक अन्य पौराणिक कहानी के अनुसार, देवासुर संग्राम में जब देवराज इंद्र असुरों से हार रहे थे, तब उनकी पत्नी इंद्राणी ने एक रक्षा सूत्र बनाकर इंद्र की कलाई पर बांधा। इस रक्षा सूत्र के प्रभाव से इंद्र ने असुरों पर विजय प्राप्त की।

Rakshabandhan का महत्व

  • पारिवारिक बंधन: यह त्योहार परिवारों को एकजुट करता है और भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है।
  • सामाजिक एकता: रक्षाबंधन केवल सगे भाई-बहनों तक सीमित नहीं है; यह दोस्तों, पड़ोसियों और अन्य लोगों के बीच भी प्रेम और विश्वास का बंधन बनाता है।
  • सांस्कृतिक मूल्य: यह हिंदू संस्कृति में रक्षा और विश्वास के महत्व को दर्शाता है।

निष्कर्ष

Rakshabandhan केवल एक धागे को बांधने का त्योहार नहीं है, बल्कि यह प्रेम, विश्वास और एक-दूसरे की रक्षा करने की भावना का उत्सव है। इसकी पौराणिक और ऐतिहासिक कहानियां इसे और भी गहरा अर्थ प्रदान करती हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। यह भी पढ़ें :- Huma qureshi के भाई की जान लेने वाले दोनों युवकों का बयान सुन डैंग रह गई पुलिस। मर्डर का कारण बेतुका था।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top