RSS :- दोस्तों, आज भारत के प्रधान मंत्री ने RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के नागपुर के दफ़्तर में विजिट किए है। इस विजिट में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और RSS के मुख्य मोहन भागवत के बीच काफ़ी देर तक बातचित हुई है। आज के इस पोस्ट में हम उन दोनों के बीच हुई बातचित पर विस्तार से बात करने वाले है।

RSS मुख्य मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी
दोस्तों, बता दें कि जानकारी सन् 2024 अयोध्या उत्तर प्रदेश में हुए राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के बाद पहली बार मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी सार्वजनिक रूप से मिले है। इस दौरान उनके बीच में काफ़ी कुछ बातचीत हुई है। नरेंद्र मोदी ने कहा है की “हिज प्रकार RSS हमेशा देश के हित में कार्यरत रही है, ठीक वैसे ही आगे भी सक्रिय रहेगी। संघ ने हमेशा देश के विकास के लिए न कार्य किया है, जिसकी हम सराहना करते है।
प्रधान मंत्री का पहला विजिट RSS कार्यालय में।
जी हाँ, प्रधान मंत्री ने इसके पहले कभी भी RSS के दफ़्तर में नहीं आए थे। यह पहली बार हुआ है। मोदी ने पहली बार अपने तीसरे कार्यकाल में RSS के दफ़्तर में आये है। इसके पहले लगभग 25 वर्ष पहले पहली बार देश के प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने RSS के दफ़्तर में आए थे। हालाँकि वे भी अपने तीसरे ही कार्यकाल में आये थे। इसके पहले किसी भी प्रधान मंत्री ने RSS के दफ़्तर में कदम नहीं रखा था।
RSS के लिए मोदी जी ने क्या कहा ?
प्रधान मंत्री मोदी जी ने RSS को अपने 100 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी है। मोदी जी ने अपनी यह नागपुर के रेशमबाग में RSS के साथ मिलकर यात्रा भी निकली थी। जो की पार्टी के लिए बहुत ज़रूरी भी है, क्योंकि पार्टी अभी से ही सन् 2029 में होने वाले आम चुनावों की तैयारी में लगी है। उन्होंने यात्रा का दिन आज ही के दिन चुना क्योंकि आज हिंदू नाव वर्ष 2082 की शुरुआत भी हो रही है।

आगे मोदी जी ने कहा की “सन् 1925 से सन् 1947 तक का समय काफ़ी ज़्यादा कठिन था। परंतु आपके कार्यकर्ताओं ने हमेशा देश का साथ दिया है। अब सन् 2025 से सन् 2047 तक देश को विकसित देश के रूप में दुनियाँ के सामने लाना है। आप और आपके कार्यकर्ता जिस प्रकार बिना किसी भी भेदभाव के देश के लिये पिछले 100 वर्षों से कार्यरत है, ठीक वैसे ही आगे भी देश की सेवा करते रहें।”
भाजपा और RSS में मतभेद
पहले इस बात की भी काफ़ी खबरें चर्चा में रही थी की, भाजपा और RSS के बीच कुछ तनाव चल रहा है। परंतु इस बात को भी आरएसएस के कार्यकर्ता शेषाद्रि चारी ने साफ़ कर दिया, और मीडियम को बताया की RSS और भाजपा के बीच किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं है। BJP और आरएसएस दोनों के विचार एक ही है, दोनों ही देश के विकास के लिए काम करते है।
Here are highlights from a very special Nagpur visit! Thankful to the people of Nagpur for the affection. pic.twitter.com/9rKMXi1AXk
— Narendra Modi (@narendramodi) March 30, 2025
मोदी जी ने स्मृति मंदिर में दर्शन किए
rssभारत के प्रधान मंत्री मोदी जी ने जब RSS के दफ़्तर नागपुर में गये, उस दौरान उन्होंने वहाँ पर स्थित स्मृति मंदिर में भी दर्शन के लिये गये थे। उस दौरान आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत जी भी वहाँ मौजूद थे। उसी मंदिर के पास नरेंद्र मोदी जी और मोहन भागवत जी के बीच काफ़ी देर तक बारे भी हुई।
FAQ
मोदी जी ने आरएसएस के संस्थापकों को श्रद्धांजलि देने और गुड़ी पड़वा के अवसर पर संगठन के प्रतिपदा कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया।
नहीं, अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसा कर चुके हैं, लेकिन यह मोदी जी का प्रधानमंत्री बनने के बाद पहला दौरा है।
उन्होंने डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में श्रद्धांजलि दी, माधव नेत्रालय के प्रीमियम सेंटर की आधारशिला रखी और मोहन भागवत के साथ कार्यक्रमों में शामिल हुए।
मोदी जी युवावस्था में आरएसएस से जुड़े थे और 1970 के दशक में प्रचारक बने, जो उनकी राजनीतिक यात्रा का आधार बना।
यह दौरा आरएसएस-बीजेपी के मजबूत वैचारिक संबंधों को दर्शाता है और बीजेपी अध्यक्ष चुनाव से पहले संगठन के प्रभाव को रेखांकित करता है।
निष्कर्ष
हाल ही में भारत के प्रधान मंत्री का RSS के दफ़्तर जो की नागपुर में स्थित है, वहाँ गए थे। इस दौरान आरएसएस और भाजपा के बीच देश के हित में और देश के विकास के लिए काफ़ी बातचीत भी हुई है। जब से मोदीजी प्रधान मंत्री बने है, वे अपने 11 साल के कार्यकाल में पहली बार आरएसएस के दफ़्तर में गये है। यह भी ज़रूर पढ़ें :- नेपाल में विरोध प्रदर्शन, हिंदू राष्ट्र की माँग शुरू। जानिए विस्तार से
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