Shibu soren को भारत रत्न और राष्ट्रपति पुरस्कार से क्यों सम्मानित किया गया?

झारखंड :- नमस्कार दोस्तों, अगर आप थोड़ा भी जियोपॉलिटिक्स के बारे में जानते हैं, तो आपको Shibu soren के बारे में ज़रूर पता होगा। सोमवार के दिन इनकी 81 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया है। बता दें कि यह वही इंसान है जिन्होंने झारखंड में मौजूद राजनीति पार्टी JMM झारखंड मुक्ति मोर्चा का उद्घाटन किया था। 

Shibu soren passed away

Shibu soren का जीवन 

बता दें कि यह एक आदिवासी वर्ग से आने वाले व्यक्ति है। इन्होंने सरकार के आगे अब तक हमेशा आदिवासियों के लिए आवाज़ उठाई है। Shibu soren झारखंड में मौजूदा मुख्यमंत्री के पद पर थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई ऐसे कार्य किए है, जिसने भारत को तरक़्क़ी की तरफ़ बढ़ाया है। Shibu soren ने सन् 1972 में अपनी ख़ुद की पार्टी बनाई थी जिसका नाम JMM झारखंड मुक्ति मोर्चा रखा था। 

Shibu soren को पदमा श्री मिला। 

जी हाँ, बता दें कि Shibu soren के औषधि की लाइन में मेहनत के करण सन् 1998 में उन्हें भारत सरकार की तरफ़ से पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, इसके अलावा राष्ट्रहित में कार्य करने के लिए उन्हें सन् 2013 में राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 

बता दें कि उन्होंने अपना पूरा जीवन आदिवासियों को आगे लाने और उनके लिये आवाज़ उठाने में समाप्त कर दी। इसके अलावा उन्होंने राज्य के लोगों के लिए कार्य करने में दिलचस्पी दिखाई थी। उन्होंने 81 वर्ष की आयु में “सर गंगाराम अस्पताल” में आख़िरी साँसें ली थी। यह भी पढ़ें :- Mahavatar Narsimha फ़िल्म को बनाने का खर्चा और फ़िल्म की अब तक की कुल कमाई विस्तार से।

निधन बना सियासी मुद्दा 

जी हाँ, जैसे ही Shibu soren के निधन की खबर सामने आयी हैतब से सियासत में थोड़ी उथल-पुथल बन गई है। शिबू के आख़िर दर्शन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहुँचे और उनके बेटे को सांत्वना दी है। इसके अलावा विपक्ष के लीडर राहुल गांधी ने उनके पार्थिव शरीर के आख़िरी दर्शन करने “सर गंगाराम अस्पताल” पहुँचे। 

कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने समाचार एजेंसी ANI ने कुछ सवाल पूछे तो उमर अब्दुल्ला ने कहा की “आज झारखंड के मुख्यमंत्री और मेरे बड़े ही ख़ास मित्र Shibu soren भगवान के पास चले गये है। आगे उन्होंने कहा की हम सब उनके बेटे हेमंत सोरेन के साथ है। उम्मीद करते हैं कि वे जल्द ही इस सदमे से बाहर आ जाएँगे। 

इनके अलावा भी लोक सभा के स्पीकर ओम बिरला और भारत के मौजूदा राष्ट्रपति जो की ख़ुद आदिवासी वर्ग से आती है, ने झारखंड के मुख्यमंत्री Shibu soren को “सर गंगाराम अस्पताल” में आख़िरी श्रद्धांजलि देने पहुँचे थे। सूत्रों के अनुसार Shibu soren के बेटे हेमंत भी काफ़ी इमोशनल नज़र आये और उन्होंने मीडिया से पहली बार बात की जिसमें कहा की “ऐसा लग रहा है जैसे मेरे सर पर से चैट ही किसने चिन लिया हो।”

लोगों द्वारा पूछे गये सवाल

Shibu soren कौन थे?

वे लगातार तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनने वाले आदिवासी वर्ग के व्यक्ति थे।

शिबू सोरेन की मृत्यु कब हुई?

उनकी मृत्यु सर गंगाराम अस्पताल में सोमवार के दिन 4 अगस्त 2025 को हो गई है।

Shibu soren को श्रद्धांजलि देने कौन-कौन पहुँचे?

श्रद्धांजलि देने के लिए कई लोग पहुँचे थे, जिनमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू, विपक्ष के मुख्य राहुल गांधी समेत कई लोग शामिल है।

JMM झारखंड मुक्ति मोर्चा का उद्घाटन किसने किया था?

इस पार्टी के संस्थापक के रूप में Shibu soren को माना जाता है, जिन्होंने इसे सन् 1972 में स्थापित किया था। इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी वर्ग के लोगों को इंसाफ़ दिलाना था।

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